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रीलबाज है यूपी पुलिस: वर्दी में रील, अनुशासन की उड़ रहीं धज्जियां

उत्तर प्रदेश पुलिस के कुछ जवान सोशल मीडिया पर रील बनाने के चक्कर में अनुशासन भूल रहे हैं, जिससे पुलिस विभाग की छवि प्रभावित हो रही है। हालांकि प्रदेश सरकार ने कानून भी बनाया हुआ है मगर पालन नहीं हो रहा। जानें अब तक कितनों पर हुई कार्रवाई...

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Ajit Kumar Pandey
REELBAZ UP POLICE

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । उत्तर प्रदेश पुलिस के कुछ जवान और अधिकारी सोशल मीडिया की चकाचौंध में इस कदर खो गए हैं कि उन्हें न तो अपने कर्तव्यों की चिंता है और न ही वरिष्ठों के आदेशों का डर। वर्दी पहनकर रील बनाने और सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने की होड़ ने पुलिस विभाग की अनुशासनहीनता को उजागर किया है।

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डीजीपी के आदेश की अवहेलना

8 फरवरी, 2023 को तत्कालीन कार्यवाहक डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान ने यूपी पुलिस सोशल मीडिया पॉलिसी-2023 लागू की थी। इस नीति में स्पष्ट निर्देश था कि कोई भी पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान या वर्दी में सोशल मीडिया गतिविधियों में शामिल नहीं होगा। मकसद था पुलिस की छवि को बनाए रखना और जनता का भरोसा जीतना। लेकिन, यह नीति कागजों तक ही सीमित रह गई।

कई पुलिसकर्मी वर्दी में रील बनाकर फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर अपलोड कर रहे हैं। कुछ तो सरकारी वाहनों और थानों के अंदर वीडियो शूट कर रहे हैं। up police force | up police | reel |

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क्या है रीलबाजी का कारण?

सोशल मीडिया के जानकार बताते हैं, "सोशल मीडिया की लोकप्रियता ने युवा पुलिसकर्मियों को रीलबाजी की ओर धकेला है। फॉलोअर्स और लाइक्स की चाह में वे अनुशासन भूल रहे हैं।" इसके अलावा, निगरानी की कमी और स्थानीय स्तर पर नियमों को लागू करने में ढिलाई भी बड़ा कारण है।

कई पुलिसकर्मियों को लगता है कि ऐसी छोटी-मोटी हरकतों पर कार्रवाई नहीं होगी। यही सोच उन्हें डीजीपी के आदेशों की अवहेलना करने की हिम्मत देती है।

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कई पुलिसकर्मियों पर हो चुकी है कार्रवाई

पुलिस विभाग ने कई बार रीलबाज जवानों पर सख्ती दिखाई है। उदाहरण के लिए...

फिरोजाबाद: सिपाही सचिन गौतम को वर्दी में रील बनाने के लिए सस्पेंड किया गया।

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औरैया: एक सिपाही ने सरकारी बाइक के साथ रील बनाई, जिसके बाद विभागीय कार्रवाई शुरू हुई।

गाजियाबाद: अंकुर विहार थाने के दो ट्रेनी सब-इंस्पेक्टरों को रील बनाने के लिए सस्पेंड किया गया।

सोनभद्र: पांच महिला पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी के दौरान रील बनाई, जिसके बाद जांच शुरू हुई।

गोरखपुर: सब-इंस्पेक्टर सौरभ शर्मा ने वर्दी में पत्नी के साथ रोमांटिक रील बनाकर वायरल की।

फरवरी में सोशल मीडिया कानून के उल्लंघन पर बोले डीजीपी...

UP POLICE DGP PRASHANT KUMAR
UP POLICE DGP PRASHANT KUMAR

सोशल मीडिया के लिए विस्तृत गाइडलाइन है। इसका कोई उल्लंघन करता है या जो भी मामले संज्ञान में आते हैं कार्रवाई की जाती है।  -प्रशांत कुमार, डीजीपी उत्तर प्रदेश

सोशल मीडिया से कमाई पर भी रोक

पुलिस आचरण नियमावली के अनुसार, पुलिसकर्मी सोशल मीडिया या किसी अन्य स्रोत से अतिरिक्त आय नहीं कमा सकते। फिर भी, कई पुलिसकर्मियों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लाखों फॉलोअर्स हैं। रिटायर्ड पुलिस अधिकारी डॉ. त्रिवेणी सिंह कहते हैं, "अगर पुलिसकर्मी ड्यूटी से ज्यादा सोशल मीडिया को तरजीह देंगे, तो कानून-व्यवस्था पर असर पड़ेगा।"

क्या है अन्य राज्यों का हाल?

यह समस्या सिर्फ यूपी तक सीमित नहीं है। हाल ही में पंजाब पुलिस की सिपाही अमनदीप कौर को हेरोइन तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वह सोशल मीडिया पर अपनी रील्स के लिए मशहूर थी। वहीं, छत्तीसगढ़ के आईपीएस अभिषेक पल्लव महादेव बेटिंग ऐप घोटाले में सीबीआई की जांच के दायरे में आए। दोनों ही मामले सोशल मीडिया की चमक और अनुशासनहीनता के खतरों को दर्शाते हैं।

आगे क्या होगा?

यूपी पुलिस अब ऐसे जवानों और अधिकारियों की पहचान कर रही है, जो सोशल मीडिया पर जरूरत से ज्यादा सक्रिय हैं। डीजीपी ने सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। यह देखना होगा कि क्या यह कार्रवाई सिर्फ दिखावटी होगी या वाकई में पुलिस विभाग में अनुशासन बहाल कर पाएगी।

सवाल यह है कि क्या वर्दी की गरिमा और जनता का भरोसा सोशल मीडिया की चमक से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है? जवाब शायद समय देगा।

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