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"क्या है M-3 EVM? बिहार विधानसभा चुनाव में बदलेगा मतदान का अंदाज"

बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार M-EVM का उपयोग होगा, जो मतदान प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और विश्वसनीय बनाएगा। आइए, इस खास EVM की विशेषताओं और इसकी कार्यप्रणाली को विस्तार से समझते हैं, जो बिहार के मतदाताओं के लिए एक नया अनुभव लेकर आएगी...

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Ajit Kumar Pandey
BIHAR ELECTION 2025 M3 EVM HINDI NEWS
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। इस बार का चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक होने वाला है, क्योंकि इसमें एक विशेष इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का उपयोग किया जाएगा, जिसे M-3 EVM के नाम से जाना जा रहा है।

यह नई पीढ़ी की वोटिंग मशीन न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि मतदान प्रक्रिया को और भी पारदर्शी, सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने का दावा करती है। आइए, इस खास EVM की विशेषताओं और इसकी कार्यप्रणाली को विस्तार से समझते हैं, जो बिहार के मतदाताओं के लिए एक नया अनुभव लेकर आएगी।

M-3 EVM: क्या है इसकी खासियत?

M-3 EVM को भारतीय निर्वाचन आयोग ने विशेष रूप से डिज़ाइन किया है ताकि मतदान प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना को पूरी तरह खत्म किया जा सके। इस मशीन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह टैंपर-प्रूफ (छेड़छाड़ से सुरक्षित) है।

अगर कोई इस मशीन के साथ अनधिकृत रूप से छेड़छाड़ करने की कोशिश करता है, तो यह तुरंत बंद हो जाती है, जिससे डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। यह सुविधा मतदाताओं और राजनीतिक दलों के बीच विश्वास को और मजबूत करने में मदद करेगी।

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इसके अलावा, M-3 EVM में एक उन्नत तकनीक का उपयोग किया गया है, जो इसे पहले की M-1 और M-2 मशीनों से कहीं अधिक तेज और सटीक बनाती है।

यह मशीन वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) के साथ पूरी तरह से एकीकृत है, जिससे मतदाता यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनका वोट सही उम्मीदवार को ही गया है। VVPAT से प्राप्त पेपर स्लिप को मतदाता देख सकता है, और यह स्लिप एक सुरक्षित बॉक्स में संग्रहीत हो जाती है, जिसका उपयोग बाद में ऑडिट के लिए किया जा सकता है।

बिहार में M-3 EVM का आगमन और तैयारी

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए M-3 EVM की पहली खेप 21 मई 2025 तक राज्य के विभिन्न जिलों में पहुंचने की उम्मीद है। निर्वाचन आयोग ने इन मशीनों की जांच और रखरखाव के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।

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25 मई से इन मशीनों का प्रथम स्तर का परीक्षण शुरू होगा, जिसमें 25 इंजीनियरों की एक विशेष टीम लगभग एक महीने तक काम करेगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर मशीन पूरी तरह से कार्यात्मक और सुरक्षित हो।

इसके साथ ही, निर्वाचन आयोग ने मतदान कर्मियों की सत्यापन प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। यह कदम मतदान प्रक्रिया को और अधिक सुचारू और निष्पक्ष बनाने के लिए उठाया गया है। बिहार में चुनाव की संभावित तारीखें अक्टूबर-नवंबर 2025 के बीच मानी जा रही हैं, और आचार संहिता सितंबर से लागू हो सकती है।

M3 EVM MACHINE HINDI NEWS

M-3 EVM की उल्लेखनीय विशेषताएं

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उच्च सुरक्षा मानक: M-3 EVM में कई स्तर की सुरक्षा सुविधाएं हैं, जैसे डिजिटल सिग्नेचर और एन्क्रिप्शन, जो इसे हैकिंग से बचाते हैं। यह मशीन बाहरी उपकरणों के साथ कनेक्ट नहीं हो सकती, जिससे डेटा चोरी की संभावना शून्य हो जाती है।

तेज प्रोसेसिंग: यह मशीन पुरानी EVM की तुलना में तेजी से वोट रिकॉर्ड करती है, जिससे मतदान केंद्रों पर लंबी कतारों की समस्या कम होगी।

बैटरी और पर्यावरण अनुकूलता: M-3 EVM की बैटरी लंबे समय तक चलती है और इसे विभिन्न मौसमों में उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो बिहार जैसे विविध जलवायु वाले राज्य के लिए महत्वपूर्ण है।

स्वचालित त्रुटि पहचान: अगर मशीन में कोई तकनीकी खराबी आती है, तो यह स्वचालित रूप से उसे पहचान लेती है और संबंधित अधिकारियों को सूचित करती है।

मतदाताओं के लिए क्या होगा नया?

M-3 EVM का उपयोग मतदाताओं के लिए एक नया अनुभव होगा। VVPAT के साथ, वे अपने वोट की पुष्टि कर सकेंगे, जो मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ाएगा। इसके अलावा, निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता अभियान भी शुरू किया है, जिसमें लोगों को इस नई मशीन के उपयोग और इसकी विशेषताओं के बारे में बताया जाएगा। यह अभियान ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में चलाया जाएगा ताकि हर मतदाता इस तकनीक को समझ सके।

बिहार चुनाव का राजनीतिक परिदृश्य

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और इंडिया ब्लॉक के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, जबकि राजद और कांग्रेस गठबंधन भी रणनीति बनाने में जुटा है। M-3 EVM के उपयोग से दोनों पक्षों को एक निष्पक्ष और सुरक्षित मतदान प्रक्रिया की उम्मीद है, जो चुनावी परिणामों पर किसी भी विवाद को कम करेगी।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में M-3 EVM का उपयोग एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत की चुनावी प्रणाली को और मजबूत करेगा। इसकी उन्नत तकनीक, सुरक्षा सुविधाएं और पारदर्शिता मतदाताओं के बीच विश्वास को बढ़ाएंगी।

जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नई मशीन बिहार के मतदान परिदृश्य को कैसे बदलती है। निर्वाचन आयोग की तैयारियां और तकनीकी नवाचार इस बात का संकेत हैं कि भारत का लोकतंत्र और अधिक परिपक्व और विश्वसनीय हो रहा है। bihar election | bihar election 2025 | Bihar Election News |

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