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कर्नाटक के Deputy CM अचानक जब पहुंचे बीजेपी नेता राजा इकबाल सिंह के दफ्तर

डीके की बीजेपी नेता के दफ्तर में की गई विजिट के अपने राजनीतिक मायने हैं। डीके को बागी तेवरों वाला नेता माना जाता है। सीएम सिद्धरमैया के साथ उनका आंकड़ा ठीक नहीं है। जब तक कांग्रेस हाईकमान को दोनों के बीच सुलह कराने के लिए एक्टिव होना पड़ जाता है।

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Shailendra Gautam
congress leader

Photograph: (file)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः राष्ट्रीय राजधानी में एक अनोखा मंजर देखने को मिला। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार अपने लाव लश्कर के साथ बीजेपी के दिल्ली मेयर के दफ्तर जा पहुंचे। इस नजारे को देखकर हर कोई हैरत में था कि आखिर डीके शिवकुमार को ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी जो वो धुर विरोधी भाजपा के एक मेयर से मिलने उनके दफ्तर आए हैं। Raja Iqbal MCD Mayor

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डीके के साथ पूरा अमला पहुंचा था मेयर के दफ्तर

हालांकि मेयर के दफ्तर में उनकी विजिट का कोई राजनीतिक कारण नहीं था। ये पूरी तरह से डेवलपमेंट को लेकर था। कर्नाटक के कई शहर कूड़े के ढेर से परेशान हैं। डीके के साथ आया अमला दिल्ली मेयर से वो गुर सीखने आया था जिससे वो कूड़े का निस्तारण करते हैं। दिल्ली से मिली सीख के जरिये वो अपने शहरों को साफ सुथरा बनाने का काम करना चाहते हैं।   

वेस्ट मैनेजमेंट के साथ टाउन प्लानिंग के गुर सीखने आए थे

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कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इसके लिए दिल्ली के मेयर और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता राजा इकबाल सिंह से एमसीडी सिविक सेंटर में मुलाकात की। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट को ठिकाने लगाने वाले उपायों का अध्ययन करने के लिए ग्रेटर बेंगलुरु अथॉरिटी के 10 से 15 अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल डीके के साथ मेयर दफ्तर पहुंचा था। डीके शिवकुमार ने कहा कि दिल्ली एक ऐतिहासिक और काफी बड़ा शहर है। इसकी आबादी बेंगलुरु से बहुत अधिक है। हम तीन बिंदुओं पर दिल्ली नगर निगम द्वारा किए जा रहे कार्यों का अध्ययन करने आए हैं, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, टाउन प्लानिंग और बिल्डिंग बाईलाज। उनका कहना था कि हम दिल्ली के मेयर से समझ रहे थे कि वो इन तीनों मसलों पर कैसे बेहतरीन काम कर रहे हैं। हम उन तरीकों को बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में लागू करके देखेंगे। डीके का कहना था कि अच्छी चीज को हमेशा बांहें खोलकर लेना चाहिए। इसमें पार्टी लाइन को दरकिनार किया जा सकता है।

बागी तेवरों वाले नेता हैं डीके शिवकुमार, सिद्धरमैया से 36 का आंकड़ा 

हालांकि सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के मेयर दफ्तर जाने का डीके शिवकुमार का कोई प्लान नहीं था। कर्नाटक के अफसरों को मेयर दफ्तर जाना था लेकिन डीके सारे अमले के साथ खुद भी पहुंच गए। डीके की बीजेपी नेता के दफ्तर में की गई विजिट के अपने राजनीतिक मायने हैं। डीके को बागी तेवरों वाला नेता माना जाता है। सीएम सिद्धरमैया के साथ उनका आंकड़ा ठीक नहीं है। जब तक कांग्रेस हाईकमान को दोनों के बीच सुलह कराने के लिए एक्टिव होना पड़ जाता है।

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आज राहुल गांधी के साथ होनी है डीके और सीएम की मीटिंग

शिवकुमार के दिल्ली दौरे के पीछे मुख्य उद्देश्य मंगलवार को होने वाली पार्टी हाईकमान के साथ बैठक में भाग लेना है, जिसमें कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया भी शामिल होंगे। हालांकि पहले बैठक राज्य से जुड़े कुछ अहम मसलों को लेकर होनी थी लेकिन अब माना जा रहा है कि डीके के साथ सिद्धारमैया को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। स्टेडियम में हुई भगदड़ के मसले पर कांग्रेस आलाकमान काफी संजीदा है। दोनों से तीखे सवाल हो सकते हैं। 

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