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"क्या आपको खुशी की कीमत अपनी बचत से चुकानी पड़ेगी? जानिए चालाक बैंकों की नई योजनाओं का सच!"

रेपो रेट में कटौती के बाद SBI समेत कई बैंकों ने होम लोन की ब्याज दरें घटाई हैं, जिससे मकान खरीदना और लोन लेना आसान हो गया है। जानिए बैंकों की चालाकी आपको कैसे करेगी प्रभावित... ?

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Ajit Kumar Pandey
BANK POLICY
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।

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bank | Business News Today | एक तरफ खुशी की खबर कि मकान खरीदने का सपना अब कुछ सस्ता हो गया है, तो दूसरी तरफ मायूसी कि मेहनत की कमाई पर अब कम ब्याज मिलेगा। रिजर्व बैंक की रेपो रेट में कटौती के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) समेत कई बैंकों ने होम लोन की ब्याज दरें घटा दी हैं। इससे घर, गाड़ी या पढ़ाई के लिए लोन लेना आसान हो गया है। 

लेकिन, इस राहत के साथ एक कड़वा सच भी सामने आया है - बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और बचत खातों पर ब्याज दरें कम कर दी हैं। यह कहानी है उस आम आदमी की, जो अपने सपनों के लिए लोन लेने की सोच रहा है, लेकिन अपनी जमा पूंजी पर कम रिटर्न देखकर सिसक रहा है।

होम लोन की राहत: सपनों का घर अब करीब

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Latest Business News : हर मध्यमवर्गीय परिवार का सपना होता है - एक अपना घर। लेकिन आसमान छूती ब्याज दरें अक्सर इस सपने को तोड़ देती हैं। अब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कटौती कर इस सपने को नई उम्मीद दी है। SBI, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र जैसे बैंकों ने होम लोन की ब्याज दरों में 0.25% तक की कमी की है। 

SBI ने अपने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को 8.25% और एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट (EBLR) को 8.65% कर दिया है। इसका मतलब है कि अगर आप 30 लाख का होम लोन लेते हैं, तो आपकी EMI अब पहले से कम होगी। नई दरें 15 अप्रैल 2025 से लागू हो चुकी हैं। चाहे आप नया लोन ले रहे हों या पुराने लोन की EMI चुका रहे हों, यह कटौती आपके लिए राहत लेकर आई है। 

बैंक ऑफ इंडिया ने सिबिल स्कोर के आधार पर होम लोन की दर को घटाकर 7.90% कर दिया है। वहीं, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने अपनी दर को 9.05% से घटाकर 8.80% किया है। यह बदलाव उन लोगों के लिए वरदान है, जो अपने बच्चों के लिए एक छत का इंतजाम करना चाहते हैं। लेकिन क्या यह राहत पूरी तरह से खुशी दे पाएगी?

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रिजर्व बैंक का फैसला: दो बार कटौती

रिजर्व बैंक ने पिछले दो महीनों में रेपो रेट में दो बार कटौती की है। फरवरी 2025 में 0.25% की कमी के बाद रेपो रेट 6.25% हो गया था। इसके बाद अप्रैल में एक और 0.25% की कटौती ने इसे 6% पर ला दिया। इस फैसले का मकसद था अर्थव्यवस्था को गति देना और लोन को सस्ता करना। 

बैंकों ने इस संकेत को तुरंत लागू किया। होम लोन के अलावा कार लोन, पर्सनल लोन और एजुकेशन लोन की दरें भी कम हुई हैं। अगर आप अपने बच्चे को विदेश पढ़ने भेजने का सपना देख रहे हैं, या नई कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो अब आपके लिए मौका है। लेकिन इस सिक्के का दूसरा पहलू भी है, जो लाखों लोगों के लिए निराशा लाया है।

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जमा पूंजी पर झटका: कम ब्याज का दर्द

जहां लोन लेने वालों के चेहरे पर मुस्कान है, वहीं अपनी जिंदगी भर की कमाई को फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और बचत खातों में जमा करने वालों की आंखें नम हैं। SBI, HDFC और अन्य बैंकों ने जमा राशि पर ब्याज दरों में 0.10% से 0.25% तक की कटौती कर दी है। 

SBI ने FD पर ब्याज दर को 0.25% तक कम किया है। HDFC बैंक ने बचत खातों पर ब्याज को 2.75% कर दिया, जो निजी बैंकों में सबसे कम है। इसका मतलब है कि अगर आपने 10 लाख रुपये की FD की है, तो आपको अब पहले से कम रिटर्न मिलेगा। यह उन रिटायर्ड लोगों के लिए बड़ा झटका है, जो अपनी जमा पूंजी के ब्याज से घर चलाते हैं। 

एक बुजुर्ग ने कहा, "हमने पूरी जिंदगी मेहनत की, ताकि बुढ़ापे में चैन से जी सकें। लेकिन अब ब्याज कम होने से दवाइयों का खर्च भी निकालना मुश्किल हो गया है।" यह दर्द सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि उन लाखों लोगों का है, जो अपनी बचत पर निर्भर हैं। 

राहत और नुकसान का मिश्रण

यह स्थिति एक तलवार की दो धार जैसी है। एक तरफ, सस्ते लोन से मकान, गाड़ी और पढ़ाई का सपना साकार हो रहा है। दूसरी तरफ, जमा पूंजी पर कम ब्याज ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खासकर मध्यमवर्गीय और वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह फैसला खुशी और गम का मिश्रण है। 

राहत: होम लोन की EMI कम होने से मकान खरीदना आसान हुआ। कार और एजुकेशन लोन भी सस्ते हुए।

नुकसान: FD और बचत खातों पर कम ब्याज से रिटायर्ड लोगों और छोटे निवेशकों को झटका। 

क्या करें निवेशक ?

वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि कम ब्याज दरों के दौर में निवेशक म्यूचुअल फंड्स, शेयर बाजार या सरकारी योजनाओं जैसे PPF और NPS में निवेश पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, इनमें जोखिम ज्यादा है, इसलिए फैसला सोच-समझकर लेना जरूरी है। अगर आप लोन लेने की सोच रहे हैं, तो यह सही समय है, क्योंकि ब्याज दरें अभी और कम हो सकती हैं। 

सपनों और हकीकत के बीच जंग

सस्ते होम लोन ने लाखों लोगों को अपने सपनों का आशियाना बनाने की उम्मीद दी है। लेकिन जमा पूंजी पर कम ब्याज ने उस मेहनतकश वर्ग को निराश किया है, जो अपनी बचत के भरोसे जीता है। यह कहानी सिर्फ ब्याज दरों की नहीं है। यह उस आम आदमी की है, जो हर दिन सपनों और हकीकत के बीच जूझ रहा है। 

क्या आप अपने सपनों का घर खरीदने की सोच रहे हैं, या अपनी जमा पूंजी को लेकर चिंतित हैं? यह फैसला आपकी जिंदगी को नया मोड़ दे सकता है। 

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