नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।
क्या ड्राई क्लीनिंग के दौरान आपके महंगे कपड़े खराब हो जाते हैं और आप निराश होकर रह जाते हैं। अब आपको निराश नहीं हौसला रखने की जरूरत है और आपको उपभोक्ता अधिकारों के तहत मुआवजा पाने का पूरा हक है। कई उपभोक्ता अदालतों ने ऐसे मामलों में ड्राई क्लीनर्स को जिम्मेदार भी ठहराया है और उपभोक्ताओं को मुआवजा देने का आदेश दिया है। आइए जानते हैं क्या हैं अधिकार कैसे करें इसका उपयोग...
ये भी पढ़ें-
उपभोक्ता को ऐसे मिलेगी भरपाई
- उपभोक्ता अदालतों ने नुकसान के लिए ड्राई क्लीनर्स को जिम्मेदार माना है।
- मुआवजे की राशि कपड़े की उम्र और स्थिति पर निर्भर करती है। पुराने कपड़ों के लिए, उनकी मूल कीमत का एक हिस्सा मुआवजा दिया जा सकता है।
- उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के लिए भी अतिरिक्त मुआवजा मिल सकता है।
ये है ड्राई क्लीनर्स की जिम्मेदारी
- ड्राई क्लीनर्स बिल या रसीद पर डिस्क्लेमर देकर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। अगर कपड़े खो जाते हैं या खराब हो जाते हैं, तो उन्हें मुआवजा देना होगा।
सेवा में कमी के कई उदाहरण
- कपड़ों का रंग फीका पड़ना या बदरंग होना।
- कपड़े के टेक्सचर या स्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचना।
- कपड़ों का खो जाना या अदला-बदली होना।
- दाग हटाने में नाकामी या अतिरिक्त नुकसान पहुंचना।
- क्लीनिंग के दौरान कपड़े का फटना, छेद होना या जल जाना।
कैसे दर्ज करें शिकायत
- ड्राई क्लीनिंग की रसीद सुरक्षित रखें।
- नुकसान की फोटो लें और दस्तावेजी सबूत रखें।
- कपड़े की मूल कीमत का सबूत रखें।
- उपभोक्ता फोरम में समय पर शिकायत दर्ज करें।
- ड्राई क्लीनर के साथ सभी संचार का रिकॉर्ड रखें।
- क्षतिग्रस्त कपड़े को सुरक्षित रखें।
इन बातों का रखें ख्याल
- उपभोक्ता अदालतों ने माना है कि अगर कपड़े खराब होते हैं, तो यह ड्राई क्लीनर की सेवा में कमी है।
- उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होना चाहिए और जरूरत पड़ने पर शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
- ड्राई क्लीनिंग के लिए कपडे देने से पहले उसकी स्थिति का निरीक्षण करें।
- ड्राई क्लीनर से कपडे की रिसिप्ट अवश्य लें।
- किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत ड्राई क्लीनर से संपर्क करें।