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Explainer : Digital क्रांति का अगला कदम वर्चुअल SIM, क्यों बन गया है हर भारतीय की जरूरत? | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । जब भी हम किसी नए फोन को खरीदते हैं तो सबसे पहले सिम ट्रे को ढूंढते हैं और एक छोटा सा कार्ड उसमें डालते हैं। लेकिन, अब यह परंपरा धीरे-धीरे बदल रही है। भारत एक ऐसे डिजिटल युग में कदम रख चुका है जहां 'वर्चुअल सिम' यानी eSIM Embedded SIM फिजिकल सिम को चुनौती दे रहा है। यह सिर्फ एक टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि भारतीय मोबाइल कनेक्टिविटी की दुनिया में एक बड़ा बदलाव है।
भारत में वर्चुअल सिम यानी eSIM की शुरुआत 2020 में Apple Watch के साथ हुई, जिसके वाहक Airtel और Jio बने। यह फिजिकल सिम कार्ड का डिजिटल अवतार है जो सीधे आपके फोन के मदरबोर्ड में एम्बेडेड होता है। eSIM आपको बिना सिम बदले नेटवर्क स्विच करने और एक ही डिवाइस पर कई नंबर चलाने की आजादी देता है। यह तकनीक अब Samsung, Google Pixel और कई अन्य प्रीमियम फोन में उपलब्ध है।
सवाल है कि यह तकनीक भारत में कब आई, किसने इसे सबसे पहले लॉन्च किया और सबसे महत्वपूर्ण— यह आपके रोजमर्रा के जीवन को कैसे बदलने वाली है? भारत में eSIM की टाइमलाइन कब और किसने की शुरुआत?
क्या होता है वर्चुअल सिम (eSIM)? आसान भाषा में समझें तकनीक
eSIM का मतलब है Embedded Subscriber Identity Module (एम्बेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल)। इसे आप एक डिजिटल सिम कार्ड मान सकते हैं।
तुलना का आधार | फिजिकल सिम (Physical SIM) | वर्चुअल सिम (eSIM) |
भौतिक स्वरूप | प्लास्टिक का कार्ड (मिनी, माइक्रो, नैनो साइज़) जिसे स्लॉट में डाला जाता है। | फोन के मदरबोर्ड में पहले से एम्बेडेड एक छोटी चिप। |
एक्टिवेशन | स्टोर से खरीदकर/डाक से मंगाकर, फोन में डालकर। | OTA (Over-The-Air) यानी डिजिटल रूप से, QR कोड स्कैन करके। |
नेटवर्क स्विचिंग | नया सिम कार्ड खरीदना और बदलना पड़ता है। | सॉफ्टवेयर के माध्यम से कुछ ही मिनटों में नेटवर्क बदला जा सकता है। |
सुरक्षा | चोरी होने पर आसानी से निकाला जा सकता है। | डिवाइस से चोरी करना या निकालना असंभव है, अधिक सुरक्षित। |
क्षमता | एक समय में केवल एक ही नेटवर्क प्रोफाइल। | एक eSIM चिप पर एक साथ 5 से 10 नेटवर्क प्रोफाइल स्टोर किए जा सकते हैं। |
eSIM तकनीक ने भारत में अपनी उपस्थिति वर्ष साल 2020 की शुरुआत में दर्ज कराई, लेकिन इसका मुख्य कारण कोई स्मार्टफोन नहीं बल्कि Apple Watch Series 3 LTE संस्करण थी।
शुरुआत का दौर: Apple Watch को बिना फिजिकल सिम के नेटवर्क से जोड़ने के लिए इस तकनीक की जरूरत पड़ी।
पहले वाहक: Initial Carriers भारत के पहले दो बड़े टेलीकॉम ऑपरेटर जिन्होंने इस तकनीक को अपनाया, वे थे Airtel और Jio। Vi Vodafone Idea भी इस रेस में शामिल हो गया जिससे eSIM सर्विस की पहुंच प्रीमियम स्मार्टफोन यूजर्स तक बढ़ गई।
BSNL की नवीनतम पहल: हाल ही में BSNL ने भी Tata Communications के साथ साझेदारी करके अपनी eSIM सेवाएं शुरू करने की घोषणा की है, जिससे यह तकनीक अब पैन-इंडिया कवरेज की ओर बढ़ रही है। यानी, वर्तमान में भारत के सभी चार प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर– Jio, Airtel, Vi और BSNL चुनिंदा सर्किलों में eSIM की सुविधा दे रहे हैं।
यह विस्तार साफ बताता है कि वर्चुअल सिम अब भविष्य नहीं बल्कि वर्तमान की जरूरत बन चुका है।
क्या आपके फोन में eSIM काम करेगा? सपोर्टेड फोन की पूरी लिस्ट
eSIM की सबसे बड़ी बाधा इसकी सीमित उपलब्धता है। यह हर फोन में काम नहीं करता, बल्कि इसके लिए डिवाइस में एक खास 'eSIM चिप' का एम्बेडेड होना जरूरी है। मुख्य रूप से यह सुविधा प्रीमियम और कुछ मिड-रेंज स्मार्टफोन्स और स्मार्ट डिवाइसेज में उपलब्ध है।
मुख्य रूप से eSIM सपोर्ट करने वाले डिवाइस
Apple iPhone iPhone XR, iPhone XS, iPhone XS Max और उसके बाद के सभी मॉडल्स iPhone 11 12 13 14 15 सीरीज़ और SE मॉडल।
Samsung Galaxy Galaxy S21 सीरीज़ से लेकर S24 सीरीज़, Note 20 सीरीज़, Galaxy Z Flip और Z Fold सीरीज़।
हाल ही में कुछ मिड-रेंज फोन जैसे Galaxy A54 5G और A34 5G में भी यह सुविधा देखी गई है।
Google Pixel Pixel 3 से लेकर Pixel 8 सीरीज़ और Pixel A सीरीज़ के कुछ मॉडल्स जैसे Pixel 6a। Motorola Motorola Razr और कुछ Edge सीरीज़ के फोन।
अन्य डिवाइसेज Apple Watch, Samsung Galaxy Watch और कुछ अन्य LTE-सक्षम स्मार्टवॉच भी eSIM का उपयोग करती हैं।
नोट: eSIM एक्टिवेट करने से पहले अपने मोबाइल ऑपरेटर की वेबसाइट या ऐप पर जाकर अपने फोन मॉडल की संगतता Compatibility ज़रूर जांच लें।
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eSIM कैसे करता है काम?
फिजिकल सिम में आपकी पहचान और नेटवर्क डिटेल एक चिप में डाली जाती है। eSIM के मामले में, यह चिप आपके डिवाइस में हमेशा मौजूद रहती है। जब आप अपने टेलीकॉम ऑपरेटर से eSIM की रिक्वेस्ट करते हैं तो वे आपकी पहचान प्रोफाइल को ओवर-द-एयर इंटरनेट के जरिए उस एम्बेडेड चिप पर 'डाउनलोड' कर देते हैं।
यह प्रक्रिया एक QR कोड स्कैन करने जितनी सरल हो सकती है। यह चिप रीप्रोग्रामेबल होती है, जिसका मतलब है कि आप इसी चिप पर Airtel, Jio और Vi की प्रोफाइल एक साथ स्टोर कर सकते हैं और जरूरत के हिसाब से किसी भी समय एक्टिवेट कर सकते हैं।
eSIM के 5 बड़े फायदे जो इसे 'नेक्स्ट लेवल' बनाते हैं ट्रैवलिंग में वरदान
विदेश यात्रा के दौरान आपको लोकल सिम कार्ड खरीदने की जरूरत नहीं। आप किसी भी ग्लोबल eSIM प्रोवाइडर जैसे Airalo, Nomad से प्लान खरीदकर तुरंत अपने eSIM पर डाउनलोड कर सकते हैं।
डुअल सिम सुविधा आसान: यह उन फोन्स के लिए बेहतरीन है जिनमें सिम ट्रे नहीं होती या आप फिजिकल सिम स्लॉट को खाली रखना चाहते हैं। कई फोन अब डुअल सिम के लिए एक फिजिकल और एक eSIM का कॉम्बिनेशन देते हैं।
सुरक्षा (Security): फोन चोरी होने पर अपराधी सिम कार्ड को निकालकर फेंक नहीं सकता। आपकी पहचान फोन के साथ ही लॉक रहती है, जिससे ट्रैकिंग आसान हो जाती है।
बेहतर वॉटर रेजिस्टेंस: सिम ट्रे एक छेद होता है जो फोन को वॉटर-रेसिस्टेंट बनाने में बाधा डालता है। eSIM से सिम ट्रे खत्म हो जाती है, जिससे फोन का डिजाइन अधिक कॉम्पैक्ट और वॉटरप्रूफ बनता है।
स्मार्टवॉच के लिए जरूरी स्मार्टवॉच जैसे छोटे डिवाइस में फिजिकल सिम डालना मुश्किल है, इसलिए eSIM ही उन्हें फोन से अलग, स्वतंत्र रूप से कॉल करने और डेटा उपयोग करने में सक्षम बनाता है।
वर्चुअल सिम का मासिक रिचार्ज कितना आएगा?
eSIM के मासिक रिचार्ज प्लान की कीमत फिजिकल सिम से बिल्कुल अलग नहीं है। यह एक बहुत महत्वपूर्ण बात है कि eSIM एक तकनीक है जिसके माध्यम से आप नेटवर्क से जुड़ते हैं, यह खुद कोई अलग प्लान या टैरिफ नहीं है।
प्लान और कीमत: आपके Jio, Airtel या Vi के सभी प्रीपेड और पोस्टपेड प्लान जैसे 299/- रुपये वाला डेली 2GB डेटा प्लान या 599/- रुपये वाला पोस्टपेड प्लान eSIM पर भी समान रूप से लागू होते हैं।
आपको eSIM इस्तेमाल करने के लिए कोई 'अतिरिक्त' मासिक शुल्क नहीं देना पड़ता।
अंतर्राष्ट्रीय उपयोग: यदि आप अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए eSIM का उपयोग कर रहे हैं जैसे Airalo या Matrix जैसे प्रोवाइडर के माध्यम से तो उनके प्लान की कीमत अलग होती है, जो डेटा की मात्रा और वैलिडिटी पर निर्भर करती है।
उदाहरण के लिए, 7 दिनों के लिए 1GB डेटा प्लान 499/- रुपये से शुरू हो सकता है। लेकिन यह 'होम नेटवर्क' भारत में उपयोग के प्लान से अलग है।
यदि आप भारत में Airtel, Jio, Vi या BSNL का eSIM इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपका मासिक खर्च वही रहेगा जो आप पहले फिजिकल सिम पर कर रहे थे।
भविष्य की आहट: क्या फिजिकल सिम खत्म हो जाएगा?
टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ मानते हैं कि eSIM भविष्य है। Apple जैसी कंपनियां अब पूरी तरह से फिजिकल सिम ट्रे को हटाने की दिशा में बढ़ रही हैं जैसे अमेरिका में iPhone 14 और 15 सीरीज़ में। भारत में भी यह बदलाव धीरे-धीरे आएगा।
IoT डिवाइस का विस्तार: जैसे-जैसे स्मार्ट होम डिवाइस, कनेक्टेड कार और अन्य IoT Internet of Things डिवाइस बढ़ते जाएंगे, eSIM की मांग भी बढ़ेगी क्योंकि इन छोटे गैजेट्स को डिजिटल कनेक्टिविटी की आवश्यकता होगी।
5G और eSIM 5G के साथ बेहतर और तेज़ कनेक्टिविटी के लिए eSIM एक आदर्श तकनीक साबित होगी। वर्चुअल सिम एक डिजिटल क्रांति है जो सुविधा, सुरक्षा और लचीलापन प्रदान करती है।
यह समय है कि भारत का हर स्मार्टफोन यूजर इस नई तकनीक को समझे और इसका लाभ उठाएं।
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