नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
दवा एक्सपायर होती है, पैकेज्ड फूड प्रोडक्ट्स की एक्सपायरी डेट होती है और वाहनों के इस्तेमाल करने की भी समय सीमा तय होती है। ये हम सभी जानते हैं, लेकिन ये शायद ही पता हो कि स्मार्टफोन की भी एक्सपायरी डेट होती है। जी हां, सही पढ़ा आपने। स्मार्टफोन भी एक्सपायर होते हैं। खास बात ये कि स्मार्टफोन की एक्सपायरी डेट इससे तय नहीं होती कि आपने इसे कब खरीदा है। फिर एक्सपायरी डेट का निर्धारण कैसे होता है, आइए इस बारे में आपको बताते हैं।
लॉन्च से तय होती है एक्सपायरी
कई लोग लंबे समय तक एक रही स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं, लेकिन यह खतरनाक हो सकता है। लंबे समय तक उपयोग किया जाने वाला स्मार्टफोन आसानी से हैकर्स के निशाने पर आ सकता है और यूजर का डाटा खतरे में पड़ सकता है। ऐसे में फोन की एक्सपायरी डेट के बारे में जानना जरूरी है। स्मार्टफोन की एक्सपायरी डेट उसकी लॉन्चिंग से तय होती है। यानी जिस दिन कंपनी स्मार्टफोन लॉन्च करती है, उसी दिन उसकी एक्सपायरी डेट भी तय हो जाती है। कंपनी की वेबसाइट पर जाकर आप एक्सपायरी डेट पता कर सकते हैं। आपको प्रोडक्ट पेज पर उसे मिलने वाले सॉफ्टवेयर अपडेट की मियाद की जानकारी मिल जाएगी।
तय होती है अपडेट की मियाद
स्मार्टफोन की एक्सपायरी में सॉफ्टवेयर अपडेट की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। दरअसल, हर फोन एक निश्चित समय तक सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ आता है। किसी को दो साल तक तो किसी को सात-आठ साल तक अपडेट मिलता है। कायदे से स्मार्टफोन को तभी तक उनयोग करना चाहिए जब तक उसे कंपनी से अपडेट मिल रहा है। इस अवधि के पाद फोन के सिक्योरिटी फीचर्स कमजोर पड़ने लगते हैं और हैकर्स के लिए यूजर के डाटा तक पहुंच बनाना आसान हो सकता है।
यदि कंपनियों के लिहाज से बात करें तो एपल के फोन 5 साल जबकि सैमसंग और गूगल के फोन 7 साल तक इस्तेमाल किए जा सकते हैं। वहीं, रेडमी, वीवो और अन्य ब्रांड्स के फोन आम तौर पर 3 से 5 साल तक उपयोग किए जा सकते हैं।