हरिद्वार, वाईबीएन नेटवर्क।
चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन के लिए हरिद्वार एआरटीओ प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इस बार 10 हजार से अधिक वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड जारी करने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा 2025 को सुरक्षित और सुचारू रूप से संचालित करने के लिए एक नए नियम को लागू किया है। इस बार अन्य राज्यों से आने वाले व्यावसायिक वाहन चालकों को यात्रा मार्गों पर वाहन चलाने से पहले एक परीक्षा देनी होगी। यदि वे इस परीक्षा में पास होते हैं, तो ही उनका लाइसेंस मान्य माना जाएगा और वे यात्रा मार्गों पर गाड़ी चला सकेंगे।
वाहनों की पार्किंग और हेल्प डेस्क बनेंगी
इस बार 10 हजार से अधिक वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड जारी करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे यात्री वाहनों की पार्किंग और हेल्प डेस्क व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। अधिकारियों का कहना है कि ग्रीन कार्ड जारी करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए पूर्व योजना पर काम किया जा रहा है। बीते साल की तुलना में इस बार चारधाम यात्रा के दौरान अधिक वाहनों के पंजीकरण की संभावना है, जिससे एआरटीओ प्रशासन पर अतिरिक्त दबाव रहेगा। इसे देखते हुए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। एआरटीओ पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए पार्किंग स्थलों को चिन्हित किया जा रहा है और समुचित प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है।
कॉर्मशियल वाहन चालकों देनी होगी परीक्षा
उधर, उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा 2025 को सुरक्षित और सुचारू रूप से संचालित करने के लिए एक नए नियम को लागू किया है। इस बार अन्य राज्यों से आने वाले व्यावसायिक वाहन चालकों को यात्रा मार्गों पर वाहन चलाने से पहले एक परीक्षा देनी होगी। यदि वे इस परीक्षा में पास होते हैं, तो ही उनका लाइसेंस मान्य माना जाएगा और वे यात्रा मार्गों पर गाड़ी चला सकेंगे।
चालकों की दी जाएगी विशेष ट्रेनिंग
राज्य सरकार ने यह निर्णय इसलिए लिया है ताकि यात्रा के दौरान दुर्घटनाओं को रोका जा सके। उत्तराखंड में पहाड़ी और संकरी सड़कों पर गाड़ी चलाना चुनौतीपूर्ण होता है, और बाहरी राज्यों से आने वाले चालकों को इन मार्गों का अनुभव नहीं होता। कई बार अनुभवी न होने के कारण दुर्घटनाएं हुई हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने चालकों की परीक्षा अनिवार्य करने का फैसला किया है। चालकों को चारधाम यात्रा मार्गों की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी परीक्षा में ड्राइविंग स्किल, सड़क सुरक्षा नियमों और पहाड़ी क्षेत्रों में वाहन संचालन से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे जो चालक परीक्षा में पास होंगे, उन्हें यात्रा मार्ग पर वाहन चलाने की अनुमति मिलेगी फेल होने वालों को दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा।