चमोली, आईएएनएस।
उत्तराखंड के चमोली में हुए हिमस्खलन में मरने वालों की संख्या सात पहुंच गई है। माणा में आये बर्फ के बवंडर ने 7 लोगों की जान ले ली है। बचाव अधिकारियों ने रविवार को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान तीन और शव निकाले। इस बीच, आखिरी लापता मजदूर की तलाश जारी है। हिमस्खलन में फंसे 55 लोगों में से 46 को बचा लिया गया है, जबकि सात के शव बरामद हुए हैं। एक मजदूर खुद सुरक्षित अपने घर पहुंच गया था।
रेस्क्यू ऑपरेशन का जायज़ा लेने पहुंचे सीएम पुष्कर धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह आपदा परिचालन केंद्र का दौरा किया और चमोली में चल रहे बचाव कार्यों की निगरानी के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की। सीएम धामी ने कहा, "आज (रविवार) का साफ मौसम हमारे पक्ष में है, लेकिन कल (सोमवार) के लिए हाई अलर्ट की चेतावनी जारी की गई है। ऊंचाई वाले इलाकों में काम करने वालों को बर्फबारी और हिमस्खलन की उच्च आशंका के कारण काम रोकने की सलाह दी गई है।"
यह भी पढ़ें: Uttarakhand Avalanche : Chamoli हिमस्खलन में फंसे 55 मजदूरों में से 50 रेस्क्यू, 5 लापता, बचाव अभियान जारी
मौसम साफ होते ही फिर शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
रविवार सुबह मौसम साफ होने के बाद बचाव कार्य फिर से शुरू हो गया, जिससे अभियान में शामिल टीमों को खोजबीन तेज करने में मदद मिली। अभियान में सहायता के लिए हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए हैं। सीएम धामी ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता लापता श्रमिकों का जल्द से जल्द पता लगाना है। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन दल, बीआरओ और वायुसेना समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग भी अभियान में सक्रिय रूप से शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में संचार और बिजली बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
हिमस्खलन में फंसे थे 55 मजदूर
आपको बता दें कि शुक्रवार सुबह माना गांव में हुए हिमस्खलन में 55 मजदूर फंस गए थे। शुक्रवार सुबह 5:30 से 6:00 बजे के बीच हिमस्खलन हुआ था, जिसमें आठ कंटेनरों और एक शेड के अंदर मौजूद सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 55 श्रमिक दब गए थे। सेना, आईटीबीपी, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के त्वरित और समन्वित प्रयासों से 46 मजदूरों को बचा लिया गया। हालांकि, सात मजदूरों की जान चली गई और एक अभी भी लापता है।
बचाव अभियान में मदद के लिए ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर), थर्मल इमेजिंग कैमरे और पीड़ित-स्थान निर्धारण कैमरों सहित उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें: Chamoli में हिमस्खलन से तीन घायल, हेलीकाप्टर सेवा शुरू की | Uttrakhand | YOUNG Bharat