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Young Generation की दोहरी जिंदगी, इंटरनेट की काली दुनिया को दिखाती 'एडोलेसेंस' सीरीज़, पेरेंट्स के लिए जरूरी देखना

इंटरनेट की एक ऐसी दुनिया हैं, जो बाहर से काफी आकर्षक नजर आती है, लेकिन अंदर से वह बहुत गहरी और खतरनाक है। इसी दुनिया की अंधेरे पहलु को दिखाती है नेटफ्लिक्स की नई लिमिटेड सीरीज 'एडोलेसेंस'।

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Ranjana Sharma
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इनपुट, वाईबीएन नेटवर्क। 

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इंटरनेट की एक ऐसी दुनिया हैं, जो बाहर से काफी आकर्षक नजर आती है, लेकिन अंदर से वह बहुत गहरी और खतरनाक है। इसी दुनिया की अंधेरे पहलु को दिखाती है नेटफ्लिक्स की नई लिमिटेड सीरीज 'एडोलेसेंस'। यह सीरीज़ एक 13 साल के लड़के जेमी मिलर (ओवेन कूपर) की कहानी है, जिसने अपनी क्लासमेट केटी की हत्या की है। पुलिस उसे शक के आधार पर पकड़कर ले जाती है, और जेमी और उसके परिवार की ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल जाती है। यह सीरीज़ आज की युवा पीढ़ी की मानसिकता और इंटरनेट के प्रभाव को दिखाती है, जिससे आपकी सोच और दृष्टिकोण भी बदल सकता है।

सच और झूठ के बीच अंतर करना बेहद कठिन

आज के समय में सोशल मीडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दौर में सच और झूठ के बीच अंतर करना बेहद कठिन हो गया है। फेसबुक, यूट्यूब और ऑर्कुट जैसे प्लेटफार्म से शुरू हुआ सोशल मीडिया का क्रेज आज इतना बढ़ चुका है कि हर पीढ़ी इसके प्रभाव में आ चुकी है। अब हर इंसान – चाहे वह बूढ़ा हो या युवा – सोशल मीडिया पर अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। यही नहीं, बच्चों से लेकर किशोरों तक, सब सोशल मीडिया के जरिए अपनी 'दूसरी जिंदगी' जी रहे हैं।

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लड़कों को "मर्द" बनाना सिखा रहा 

नेटफ्लिक्स की 'एडोलेसेंस' में टॉक्सिक मैस्क्युलिनिटी, साइबर बुलींग, और एंड्रू टेट जैसी मिसोजिनी विचारधारा पर भी चर्चा की गई है, जो आज के युवा लड़कों के बीच तेजी से फैल रही है। टेट जो दावा करता है कि वह लड़कों को "मर्द" बनाना सिखा रहा है, ने सोशल मीडिया पर एक नया आदर्श स्थापित किया है। उसका विचार यह है कि "एल्फा मेल" बनने के लिए पुरुषों को ताकतवर, बिना दर्द महसूस करने वाले और महिलाओं के ऊपर दबाव बनाने वाले होना चाहिए।

सीरीज में यह दिखाया गया है

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इस सीरीज़ में जेमी मिलर को एक काउंसलर से बातचीत करते हुए दिखाया गया है जहां वह अपने पिता से जुड़ी समस्याओं और मर्दानगी के बारे में बात करता है। जेमी अपने अनुभवों को साझा करता है और यह बताता है कि उसने एक लड़की के न्यूड फोटोज़ देखे थे, क्योंकि "सबने देखा था"। यह संकेत देता है कि बच्चों को टॉक्सिक कंटेंट से अवगत करवाना और यह समझाना कि यह गलत है, बेहद जरूरी है। सीरीज़ यह भी दर्शाती है कि आजकल बच्चे अपनी दिनचर्या में इंटरनेट की गहरी दुनिया से प्रभावित हो रहे हैं। घंटों तक फोन में व्यस्त रहने वाले ये बच्चे सीख रहे हैं कि महिलाएं मर्दों को धोखा देती हैं और "गोल्ड डिगर" होती हैं। इंटरनेट पर फैले इस विचार को अपनाकर वे इसे नॉर्मल समझने लगे हैं। एंड्रू टेट जैसे व्यक्तित्व ने इन्हें यह सिखाया है कि मर्दों को 'ज्यादा ताकतवर' और 'हिंसक' होना चाहिए।

आजकल के बच्चे भी दोहरी जिंदगी जी रहे

'एडोलेसेंस' आपको यह समझने का मौका देती है कि आजकल के बच्चे भी दोहरी जिंदगी जी रहे हैं। वे अपने स्मार्टफोन और लैपटॉप पर क्या देख रहे हैं, क्या सीख रहे हैं, और किसे फॉलो कर रहे हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण है। पेरेंट्स को अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखना चाहिए, उनसे बात करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे क्या सोच रहे हैं और उनकी विचारधारा कैसी होनी चाहिए। यह सीरीज़ आपको यह सिखाती है कि बच्चों को इंटरनेट की काली दुनिया से बचाना और सही दिशा में मार्गदर्शन देना बहुत जरूरी है। अगर आप एक पेरेंट हैं, तो आपको 'एडोलेसेंस' जरूर देखनी चाहिए, क्योंकि यह आज की युवा पीढ़ी की असली दुनिया को दिखाती है।

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