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kanpur news_ डीएम को बदहाल मिलीं सीएचसी की स्वास्थ्य सेवाएं वेतन रोका

कानपुर में तैनाती के बाद से ही यहां की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के प्रयास में लगे जिलाधिकारी के निर्देशों का असर स्वास्थ्य विभाग पर दिख नहीं रहा है।

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Saras Bajpai
डीएम निरीक्षण

पतारा घाटमपुर में सीएचसी की निरीक्षण करने के दौरान जानकारी लेते जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह। Photograph: (बाईबीएन न्यूज नेटवर्क)

कानपुर वाईबीएन संवाददाता।

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कानपुर में तैनाती के बाद से ही यहां की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के प्रयास में लगे जिलाधिकारी के निर्देशों का असर स्वास्थ्य विभाग पर दिख नहीं रहा है। निरीक्षण के दौरान कई कर्मचारियों का वेतन काटने तथा चेतावनी देने के बाद भी गुरुवार को जब जिलाधिकारी घाटमपुर के पतारा में स्थित सीएचसी का निरीक्षण करने पहुंचे तो यहां की स्वास्थ्य सेवाएं देख वह अवाक रह गये। तमाम प्रयास व निर्देश के बाद भी यहां की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को देख नाराज जिलाधिकारी ने यहां एक कर्मचारी का वेतन रोक दिया और साथ चल रहे अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह पूरी रिपोर्ट बनाकर दें। जिलाधिकारी के सामने कई लापरवाही सामने आईं।

गायब थे एक्सरे विभाग के तकनीकी अधिकारी गायब थे लेकिन उनके उपस्थित होने के हस्ताक्षर उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज थे। एक्सरे टेक् नीशियन अमन गुप्ता कहां है इसकी जानकारी किसी को नहीं थी। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि पूरे अप्रैल माह में केवल यहां आठ एक्सरे ही किये गये। और तो दूर सीएचसी के चिक्तिसा अधीक्षक ने तीस दिन में केवल सात दिन ही ओपीडी की वह ओपीडी का रजिस्टर भी खुद नहीं भरते थे बल्कि किसी को कर्मचारी से इस ओपीडी रजिस्टर भरवा लेते थे।

निरीक्षण के समय सात कर्मचारी मिले गायब

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जानकार लोगों की मानी जाए तो जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान सीएचसी के सात कर्मचारी बिना बताए यहां से गायब थे वह केंद्र पर भी नहीं थे और उनके छुट्टी पर होने की जानकारी भी रजिस्टर में दर्ज नहीं थी। यह स्थिति भी तब थी जब चिकित्सा अधीक्षक इस रजिस्टर का निरीक्षण भी कर चुके थे।

न बेडसीट साफ सुथरी थीं ना ही परिसर में थी सफाई

जिलाधिकारी ने वार्ड तथा अन्य कक्षों में जाकर देखा तो सामने आया कि न तो यहां बेड पर पड़ी बेडसीट साफ सुथरी थीं और ना ही कार्यालय परिसर में साफ सफाई ठीक से की गई धी। अस्पताल परिसर में रखे डस्टबिन पहले से भी कूड़े व गंदगी से भरे थे इनकी भी सफाई कर्मी द्वारा सफाई नहीं की गई थी। लापरवाही की हद यह थी कि बिजली न होने के बाद भी अस्पताल का जनरेटर बंद ही रखा गया था जबकि पहले ही आदेश हैं कि हर अस्पताल परिसर में बिजली न होने पर तुरंत जनरेटर चलाया जाए ताकि यहां आने वाले मरीजों को कोई परेशानी न हो।

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चिकित्सा अधीक्षक का भी वेतन रोका

बताया गया है कि चिकित्सा व्यवस्था सहित अन्य जरूरी व्यवस्थाओं में भी कमी मिलने से नाराज जिलाधिकारी ने यहां के चिकित्सा अधीक्षक का भी वेतन रोकने के आदेश दिये साथ ही ड्यूटी से गायब तथा अन्य लापरवाह कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश देते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बरतने वाले कर्चमारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए।

DM Kanpur news
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