कानपुर, वाईबीएन संवाददाता।
कानपुर देहात में रहने वालों को अब राहत मिलने वाली है। यहां बीमार होने पर जांच के लिये इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। अब जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में अब आईसीयू की सुविधा मिलेगी। साथ ही मेडिकल कालेज में 24 घंटे खून की जांच हो सकेगी। डीएम ने फीता काटकर दोनों सेवाओं का शुभारंभ किया।
जाना पड़ता था कानपुर
अभी तक जिला अस्पताल में व्यवस्था न होने से जब भी मरीज की हालत बिगड़ती थी तो यहां के अस्पताल कर्मियों द्वारा तुरंत ही उसे आईसीयू न होेने व आईसीयू की जररूत होनी का बात कहकर मरीजों को कानपुर हैलट रेफर किया जाता था। इससे भारी असुविधा का सामना करना पड़ता था। इससे मरीज के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले मरीज के तीमारदारों को भी काफी दिक्कत होती थी। इसके साथ ही मरीज के परिजनों का आर्थिक रूप से नुकसान भी उठाना पड़ता था। मेडिकल कालेज बनने के बाद जिले की आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलने की उम्मीद जगी है।
नहीं होना पड़ेगा परेशान
बुधवार को डीएम आलोक सिंह ने जिला अस्पताल में बने ट्रामा सेंटर का फीता काटकर शुभारंभ किया। अभी तक ट्रामा सेंटर का संचालन स्टाफ की कमी की वजह से नहीं हो पा रहा था। वहीं मेडिकल कालेज में डायग्रोस्टिक सेंटर का शुभारंभ किया गया। जिसमें 24 घंटे जांच की सुविधा मिलेगी। अब सटीक व विश्वसनीय जांच रिपोर्ट आसानी से मिलेगी। इसके लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। डीएम ने कहा कि आपातकालीन स्थिति में होने वाली असुविधाओं से निजात मिल जाएगी। यहां के लोगों को कहीं दूसरे जिले जाकर परेशान नहीं होना पड़ेगा।
अच्छा व्यवहार करें डाक्टर
जिलाधिकारी आलोक सिंह ने डाक्टरों और स्टाफ से कहा कि आपात स्थिति से निपटने के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए। कहा कि मरीज अच्छे इलाज की आश में आता है। उसके विश्वास को कायम रखना डाक्टर का फर्ज है। मरीजों और तीमारदारों से विनम्र व्यवहार और बर्ताव करने के निर्देश दिए। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सज्जन लाल वर्मा ने 24 घंटे जांच होने के साथ दी जाने वाली सेवाओं के बावत विस्तार से जानकारी दी।
यह भी रहे मौजूद
यहां मौजूद लोगों को बताया गया कि नए उपकरणों से लैस पैथालॉजी में हारर्मोन, सीबीसी आदि अन्य जांचे होगीं। इस मौके पर सीएमओ डॉ एके सिंह, सीएमएस डॉ रिजवान खालिद, डॉ वंदना सिंह, विभागाध्यक्ष डॉ पल्लवी आनंद, पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ सोनल अमित, माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ अमिताभ अग्रवाल, ऐनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ नीना रायजादा आदि स्टाफ व अन्य डाक्टर मौजूद रहे।