बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह बदल दिया है।
जेडीयू ने 85 सीटें हासिल कर अपने प्रभाव का मजबूत प्रदर्शन किया, वहीं एनडीए की समग्र सीट बाढ़ को देखकर यह स्पष्ट हो गया है कि गठबंधन की रणनीति और वोट ट्रांसफर ने बड़ा असर डाला। लेकिन चुनाव बाद सबसे बड़ा मुद्दा अब भी केंद्र में है — बिहार का नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा? यह प्रश्न न केवल राजनीतिक दलों, बल्कि मीडिया, विपक्ष और जनता की उत्सुकता का केंद्र बना हुआ है।
इसी बीच एलजेपी (आर) प्रमुख चिराग पासवान की नीतीश कुमार से मुलाकात ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। मुलाकात के बाद चिराग की चुप्पी ने यह संकेत दिए कि वे इस चरण में कुछ भी सार्वजनिक रूप से बोलकर भविष्य की राजनीतिक व्यवस्था को प्रभावित नहीं करना चाहते। दूसरा बड़ा सवाल यह है कि क्या भारतीय जनता पार्टी अपनी अगली पीढ़ी के नेतृत्व को बिहार में सक्रिय रूप से तैयार कर रही है? यह अनुमान इसलिए भी लगाया जा रहा है क्योंकि भाजपा कई राज्यों में नए चेहरों पर दांव लगा चुकी है।
नीतीश और चिराग की मुलाकात को भारत मिलाप का नया अध्याय भी कहा जा रहा है, जिसमें भविष्य की संभावित साझेदारी, केंद्रीय राजनीति में संभावित भूमिकाएँ और 2029 के राजनीतिक समीकरण तक जुड़े हो सकते हैं। आने वाले पाँच सालों में शासन, रोजगार, निवेश, कानून-व्यवस्था और बुनियादी ढांचा सरकार की प्राथमिकताओं में रहेंगे। फिलहाल, यह स्पष्ट है कि निर्णय चाहे जो हो, राजनीतिक रोमांच जारी रहेगा। nitish kumar | chirag paswan
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