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ZAZA in Israeli attack
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ZAZA in Israeli attack
इजरायली सेना ने गाजा पट्टी में बड़े पैमाने पर जमीनी सैन्य अभियान शुरू कर दिया है, जिसका उद्देश्य हमास के ठिकानों को पूरी तरह नष्ट करना और क्षेत्र के बड़े हिस्सों पर नियंत्रण स्थापित करना है। यह कदम युद्धविराम समझौता टूटने के बाद उठाया गया है और इससे पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की आशंका है।
Israel | gaza : इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि सेना "गाजा के बड़े हिस्सों पर नियंत्रण स्थापित करेगी", जिन्हें बाद में इजरायल की सुरक्षा परिधि में शामिल किया जाएगा। इस अभियान के तहत...
इजरायली सेना का मानना है कि यह अभियान हमास को पूरी तरह खत्म करने की दिशा में अहम कदम है। सेना ने पहले ही गाजा के कई प्रमुख शहरों में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है और भारी टैंकों व सैन्य बलों के साथ आगे बढ़ रही है। इस बीच, हमास ने भी रॉकेट हमलों का सिलसिला जारी रखा है, जिससे इजरायल के कई शहरों में अलर्ट जारी किया गया है।
इजरायली सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि 59 बंधकों (जिनमें से 24 के जीवित होने की उम्मीद है) को छुड़ाना भी इस अभियान का एक प्रमुख लक्ष्य है। रक्षा मंत्री गैलेंट ने कहा,
"हमास को खत्म करना और सभी बंधकों को सुरक्षित वापस लाना ही इस युद्ध को समाप्त करने का एकमात्र तरीका है।"
इजरायल के इस कदम पर संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने चिंता जताई है। अमेरिका ने "नागरिक हताहतों को कम करने" का आग्रह किया है, जबकि मिस्र और जॉर्डन जैसे अरब देशों ने "तुरंत युद्धविराम" की मांग की है। हालांकि, इजरायल ने स्पष्ट कर दिया है कि हमास के पूरी तरह खात्मे तक सैन्य अभियान जारी रहेगा।
गाजा पट्टी पहले से ही बमबारी और मिसाइल हमलों से तबाह हो चुकी है। अब इजरायली टैंकों और सैनिकों की बढ़ती मौजूदगी से स्थानीय आबादी में भय का माहौल है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 10,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
इजरायल का यह अभियान लंबे समय तक चल सकता है, क्योंकि हमास ने भूमिगत सुरंगों और गुरिल्ला युद्ध के जरिए मुकाबला करने की रणनीति बनाई है। अगर इजरायल गाजा के बड़े हिस्सों पर कब्जा कर लेता है, तो भविष्य में इस क्षेत्र का प्रशासन कैसे चलेगा, यह एक बड़ा सवाल होगा।
इजरायल का यह बड़ा सैन्य अभियान हमास के खिलाफ निर्णायक जंग साबित हो सकता है। लेकिन इससे गाजा की आबादी पर और अधिक कहर ढल सकता है और मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ सकता है। अब नजर अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर है कि वह इस संकट को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है।