/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/01/eaI6zy1eAHYWfGHJlsuJ.jpg)
Antarctic
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
Antarctic
NASA और नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर (NSIDC) के ताजा शोध ने एक डरावनी सच्चाई उजागर की है, पृथ्वी के ध्रुवों पर लाखों वर्ग किलोमीटर की समुद्री बर्फ सिर्फ 15 साल में पिघलकर गायब हो गई है! NASA ने जारी किए गए एक चेतावनी में यह कहा है कि कैसे आर्कटिक और अंटार्कटिका में बर्फ की चादर तेजी से सिकुड़ रही है।
NASAUpdate | 2024 में, आर्कटिक में समुद्री बर्फ का अधिकतम विस्तार 5.53 मिलियन वर्ग मील (143 लाख वर्ग किमी) दर्ज किया गया, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है। 2017 में यह 5.56 मिलियन वर्ग मील था, लेकिन अब यह और भी कम हो गया है।
1 मार्च 2024 तक, अंटार्कटिका में बर्फ का विस्तार 7.64 लाख वर्ग मील (19.8 लाख वर्ग किमी) रह गया, जो 2010 से पहले के सामान्य स्तर (28 लाख वर्ग किमी) से 30% कम है।
समुद्री बर्फ पृथ्वी के इकोसिस्टम को संतुलित रखने में अहम भूमिका निभाती है:
✔ सूरज की किरणों को परावर्तित करके ग्लोबल वार्मिंग कम करती है।
✔ ध्रुवीय जीवों जैसे पेंगुइन, ध्रुवीय भालू और सील के लिए जीवनदायी है।
✔ समुद्र के स्तर को नियंत्रित करती है।
NASA के वैज्ञानिक लिनेट बोइसवर्ट का कहना है कि "हम अगले कुछ वर्षों में और भी कम बर्फ देखेंगे। यह भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है।"
"अभी स्पष्ट नहीं है कि यह स्थायी परिवर्तन है या अस्थायी, लेकिन यदि यही रुझान रहा, तो समुद्र का स्तर बढ़ने से तटीय शहरों को खतरा हो सकता है।"
NASA के वीडियो में 2009 से 2024 तक ध्रुवीय बर्फ के सिकुड़ते क्षेत्र को दिखाया गया है। यह देखकर लगता है मानो धरती का सफेद आवरण गायब हो रहा हो!
क्या हम बर्फ रहित धरती की ओर बढ़ रहे हैं? NASA के आंकड़े बताते हैं कि ध्रुवीय बर्फ तेजी से पिघल रही है, और यदि यही रफ्तार रही, तो आने वाले दशकों में समुद्र का स्तर खतरनाक ढंग से बढ़ सकता है।
क्या आपको लगता है कि मानवता इस संकट को रोक पाएगी? कमेंट में अपनी राय जरूर बताएं!