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Photograph: (IANS)
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अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था के लिए एक अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज पर मुहर लगा दी है। वाशिंगटन स्थित वैश्विक ऋणदाता ने कहा कि इस फैसले से पाकिस्तान को लगभग 1 अरब डॉलर की रकम मिलेगी। इसे मिलाकर आईएमएफ अभी तक पाकिस्तान को लगभग 2.1 अरब डॉलर का कर्ज दे चुका है। पाक पीएम शाहबाज शरीफ ने 1 अरब डॉलर के ऋण की मंजूरी और इस मसले पर भारत की रणनीतिक विफलता पर खुशी जताई है।
हालांकि भारत ने इस बात को लेकर पुरजोर विरोध किया कि जंगी हालात में पाकिस्तान को आईएमएफ की सहायता न मिल सके। लेकिन उसने इसके विरोध के लिए वोटिंग का सहारा नहीं लिया। IMF Loans | 8 May attack | bharat vs pakistan
आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड में 25 निदेशक होते हैं जो सदस्य देशों या देशों के समूहों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह बोर्ड ऋण जारी करने के साथ रोजाना के मामलों को देखता है। निदेशक या तो पक्ष में मतदान कर सकते हैं या अनुपस्थित रह सकते हैं। लेकिन ऋण या प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने का कोई प्रावधान नहीं है।
यह व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र के उलट है, जहां प्रत्येक देश के पास एक वोट होता है। IMF की वोटिंग शक्ति प्रत्येक सदस्य देश के आर्थिक आकार को दर्शाती है। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों के पास ज्यादा वोटिंग शेयर है, क्योंकि वैश्विक परिदृश्य पर उसकी अर्थव्यवस्था सबसे ज्यादा बढ़ी है।
भारत ने कहा कि हालांकि सबको यह पता है कि आईएमएफ से मिलने वाले धन का दुरुपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है, लेकिन आईएमएफ की प्रक्रिया तकनीकी औपचारिकताओं से लैस है। यह एक गंभीर कमी है इस पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है। भारत का कहना है कि वैश्विक वित्तीय संस्थाओं की प्रक्रियाओं में नैतिक मूल्यों पर उचित ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
भारत का कहना है कि पाकिस्तान को पिछले 28 सालों से लगातार बेल पैकेज मिलता रहा है। पिछले पांच वर्षों में चार कार्यक्रम ऐसे हैं जिनमें कोई सार्थक या स्थायी सुधार नहीं हुआ है। सूत्रों ने कहा कि भारत ने आईएमएफ की मतदान प्रणाली की सीमाओं के भीतर अपनी मजबूत असहमति व्यक्त की। भारत ने औपचारिक रूप से अपनी आपत्तियां दर्ज दर्ज कराई। भारत ने आर्थिक मामलों में पाकिस्तानी सेना के निरंतर प्रभुत्व को उजागर किया।
PAKISTAN, IMF, INDIA