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Pakistan के ईरान को समर्थन से अमेरिका को लगी मिर्ची, जानिए क्या ‌‌है मामला?

ईरानी राष्ट्रपति की पाकिस्तान यात्रा के दौरान शहबाज शरीफ ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के अधिकार का समर्थन किया। अमेरिका और इजरायल की चिंताएं बढ़ीं।

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Dhiraj Dhillon
Iranian President Masoud Pezeshkian and Pakistani Prime Minister Shahbaz Sharif in Islamabad
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। हाल के दिनों में अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियों के बीच में पाकिस्तान ने ईरान के परमाणु अधिकार का समर्थन कर नया पंगा खड़ा कर दिया है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के इस बयान के बाद वॉशिंगटन की नाराजगी तय है। पाकिस्तान ने साफ किया है कि ईरान को शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु तकनीक हासिल करने का पूरा अधिकार है।

इस्लामाबाद में बैठक के बाद आया बयान

रविवार को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह बयान सामने आया। बैठक के बाद आयोजित संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में शरीफ ने दो टूक कहा- ईरान को शांतिपूर्ण ऊर्जा जरूरतों के लिए परमाणु तकनीक की आवश्यकता है, और पाकिस्तान उसके इस अधिकार के साथ मजबूती से खड़ा है।

ईरान-पाकिस्तान व्यापारिक संबंधों को मिली नई रफ्तार

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इस दो दिवसीय दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते हुए। विशेष रूप से, द्विपक्षीय व्यापार को सालाना आठ अरब डॉलर तक बढ़ाने पर सहमति बनी। व्यापार मंत्रियों ने आर्थिक और रणनीतिक सहयोग को विस्तार देने के लिए विस्तृत चर्चा की।

ईरान-अमेरिका टकराव और इजरायल का बम हमला

बता दें कि अमेरिका और ईरान के बीच वर्षों से परमाणु शक्ति को लेकर तनाव चला आ रहा है। इसी साल जून में अमेरिका और इजरायल ने मिलकर ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी की थी, जिसके बाद ईरान ने इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) से सहयोग समाप्त कर दिया। इस परिप्रेक्ष्य में पाकिस्तान का ईरान के पक्ष में आना अमेरिका के लिए एक कूटनीतिक चुनौती बन सकता है, खासकर जब वह पाकिस्तान को "गैर-NATO सहयोगी" मानता है।

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गाजा हमले पर भी पाक का विरोध

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान शहबाज शरीफ ने गाजा पर इजरायली कार्रवाई की भी तीखी आलोचना की। उन्होंने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताते हुए मुस्लिम देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से विरोध दर्ज कराने की अपील की।

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