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Harvard University से क्यों हेट करते हैं ट्रंप, Biographer ने बताया सच

प्रेसीडेंशियल बायोग्राफर माइकल वोल्फ का दावा है कि यह ट्रंप ही थे जिन्हें हार्वर्ड ने खारिज कर दिया था। आइवी लीग के खिलाफ उनकी लंबे समय से नाराजगी थी, जो समय के साथ और बढ़ गई।

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Shailendra Gautam
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Photograph: (X)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेवर Harvard University को लेकर खासे तीखे हैं। वो एक के बाद एक करके ऐसे फैसले कर रहे हैं जो नामचीन यूनिवर्सिटी की सेहत के लिए ठीक नहीं कहे जा सकते। लोग मान रहे हैं कि कोई पुरानी वजह है जो ट्रंप के दिमाग में घर किए हुए है। जिसकी वजह से वो ऐसे फैसले ले रहे हैं। हालांकि लोग मानते हैं कि ट्रंप के तेवर तल्ख इस वजह से हैं क्योंकि उनके बेटे Barron को हार्वर्ड ने दाखिला देने से मना कर दिया था। लेकिन ट्रंप के प्रेसीडेंशियल बायोग्राफर की राय इससे उलट है। उन्होंने जो कहानी बताई वो हैरत में डालने वाली है। पर इसका कोई साक्ष्य नहीं है। america | america news | DonaldTrump

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बायोग्राफर वोल्फ ने कहा- ट्रंप को हार्वर्ड से निजी खुन्नस

प्रेसीडेंशियल बायोग्राफर माइकल वोल्फ का दावा है कि यह ट्रंप ही थे जिन्हें हार्वर्ड ने खारिज कर दिया था। आइवी लीग के खिलाफ उनकी लंबे समय से नाराजगी थी, जो समय के साथ और बढ़ गई। 'फायर एंड फ्यूरी और ऑल ऑर नथिंग' जैसी बेस्टसेलर के लेखक वोल्फ ने द डेली बीस्ट पॉडकास्ट के हालिया एपिसोड के दौरान अपने विचार साझा किए। ​​होस्ट जोआना कोल्स के सवाल पर वोल्फ ने जवाब दिया कि उनको हार्वर्ड में दाखिला नहीं दिया गया था। इसलिए ट्रंप हमेशा आइवी लीग के खिलाफ नाराजगी रखते हैं। वोल्फ का मानना ​​है कि ट्रंप को एक दुश्मन की जरूरत है। यही बात एक शो बनाती है, ट्रम्प शो। वह वास्तव में शानदार दुश्मन चुनते हैं। और हार्वर्ड जो कुछ भी दर्शाता है, वह ट्रंप शो में बिल्कुल फिट बैठता है। 

व्हाइट हाउस ने वोल्फ के दावे को किया खारिज

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हालांकि उनके दावे को लेकर कोई आधिकारिक रिकार्ड नहीं है। दो वर्षों तक ट्रंप फोर्डहैम विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे थे, जिसके बाद  पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल में चले गए, जहां से उन्होंने 1968 में अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने वोल्फ के दावों को खारिज करते हुए कहा कि ट्रंप को एक सफल व्यवसायी और राष्ट्रपति बनने के लिए हार्वर्ड जैसे भ्रष्ट संस्थान में आवेदन करने की आवश्यकता नहीं थी। हाल के महीनों में ट्रंप ने हार्वर्ड के खिलाफ अपनी कार्रवाइयों को बढ़ा दिया है, जिसमें विश्वविद्यालय से संघीय निधि छीनना और इसके अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगना शामिल है। इन कदमों ने कानूनी लड़ाइयों को जन्म दिया है। 

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