नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल जज की बेंच के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें पूर्व राजनयिक लक्ष्मी पुरी को उनके खिलाफ अपमानजनक ट्वीट करने के लिए 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया है। अदालत ने उन्हें पुरी से माफीनामा प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया था। हालांकि, आज उन्होंने अदालत को बताया कि वह सिंगल जज की बेंच के निर्देशानुसार माफीनामा प्रकाशित करेंगे। लेकिन हर्जाना भरने के फैसले पर रोक लगाई जाए। मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को तय की गई है।
सिब्बल बोले - ट्विट में जो कहा वह सही था
गोखले की पैरवी करने वाले वकील अमित सिब्बल ने कहा कि उन्होंने ट्वीट में जो कहा वह सही था। उन्होंने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जिसमें मैंने प्रतिवादियों का नाम भी लिया हो। मैंने किसी पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाया। सिब्बल ने न्यायालय से यह भी आग्रह किया कि वह माफीनामा प्रकाशित करने को तैयार हैं। सिब्बल ने कहा कि हर्जाने पर रोक लगाई जाए। वो बिना किसी शर्त के माफीनामा प्रकाशित करेंगे।
हर्जाने के लिए दबाव न डालें
कोर्ट ने लक्ष्मी पुरी के वकील से तब कहा कि मनिंदर सिंह माफीनामा लीजिए। जहां तक हर्जाने की बात है, इसके लिए दबाव न डालें। पिछले साल हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि गोखले के ट्वीट मानहानिकारक थे और उन्हें पुरी को हर्जाने के तौर पर 50 लाख रुपये देने और टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार और अपने एक्स हैंडल पर माफीनामा प्रकाशित करने का निर्देश दिया था।
जान लें कौन हैं लक्ष्मी पुरी
लक्ष्मी पुरी केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी हैं। उन्होंने गोखले पर मुकदमा दायर किया था, क्योंकि उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्होंने स्विट्जरलैंड में अपनी आय से अधिक संपत्ति खरीदी है। पुरी ने दावा किया कि गोखले के ट्वीट अपमानजनक, दुर्भावनापूर्ण और गलत जानकारी पर आधारित थे। उन्होंने तर्क दिया कि गोखले ने झूठा दावा किया कि उनकी आय केवल 10-12 लाख रुपये तक हो सकती है क्योंकि वह भारत सरकार से व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) में प्रतिनियुक्ति पर थीं। जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने 1 जुलाई, 2024 को एक विस्तृत आदेश में गोखले के आरोपों को गलत, झूठे और असत्य करार दिया था।
Saket Gokhale, TMC MP, Lakshmi Puri, Delhi High Court, ₹50 lakh for defamation । Judiciary | Indian Judiciary