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बीजेपी के निशाने पर अब सौरभ भारद्वाज, जानिए केजरीवाल के लिए ये क्यों है खतरे की सबसे बड़ी घंटी

भाजपा के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय (डीओवी) ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए केंद्र से अनुमति मांगी है।

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Shailendra Gautam
आप नेता सौरभ भारद्वाज

Photograph: (Google)

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) को एक झटका लगा है। भाजपा के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय (डीओवी) ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए केंद्र से अनुमति मांगी है। 2018-19 के दौरान स्वीकृत 5,590 करोड़ रुपये के 24 अस्पतालों के निर्माण में अनियमितताओं में कथित संलिप्तता के लिए आप नेताओं के खिलाफ शिकंजा कसा जा रहा है। दोनों दिल्ली सरकार में मंत्री रहे थे। डीओवी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भारद्वाज और जैन की जांच करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है।

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सौरभ भारद्वाज के लिए ये मामला कुछ उसी तरह का साबित हो सकता है जैसे शराब घोटाला केजरीवाल, सिसोदिया के लिए हुआ है। सरकार ने अस्पतालों के निर्माण की योजना शुरू तो की थी अलबत्ता इसे कभी भी पूरी तरह से सिरे नहीं चढ़ाया जा सका। योजना की लागत बढ़ती गई पर अस्पताल नहीं बन सके। बीजेपी का कहना है कि करप्शन इसकी बड़ी वजह था। 

जैन और सिसोदिया के साथ खुद भी जेल की हवा खा चुके हैं केजरीवाल


बीते कुछ साल आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए खासा मुश्किल रहा है। पहले उनके दो कद्दावर मंत्री सत्येंद्र जैन जेल गए और फिर उनके डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया। उसके बाद हद तो तब हो गई जब केंद्र की ईडी ने उनको भी तिहाड़ जेल में बंद कर दिया। उसके बाद के दौर में पहले लोकसभा में करारी शिकस्त मिली और फिर दिल्ली में भी। दिल्ली की हार आप के लिए बड़े सदमे की की तरह से रही, क्योंकि पार्टी 70 की असेंबली में महज 22 सीटों पर सिमट गई और वो खुद नई दिल्ली की सीट गंवा बैठे। केजरीवाल को अच्छे से पता चल गया कि दिल्ली की जनता अब उनके वायदों पर भरोसा नहीं कर रही। वो नुकसान को बखूबी महसूस करके पंजाब की तरफ चले गए। दिल्ली में लीडर आफ अपोजिशन का जिम्मा अतिशी को दिया गया। जबकि पार्टी की कमान सौरभ भारद्वाज को।

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सौरभ भारद्वाज के सहारे हारी हुई दिल्ली को वापस लेना चाहते हैं केजरीवाल

केजरीवाल को भरोसा था कि दोनों ही नेता साफ छवि के हैं। अब इनके सहारे ही दिल्ली में आप की वापसी कराई जा सकती है। सौरभ पर वो खासा विश्वास करते हैं। क्योंकि वो बेहद साफ छवि के नेता होने के साथ दिल्ली के लोगों के बीच अपना अच्छा प्रभाव रखते हैं। लेकिन बीजेपी जिस तरह से सौरभ भारद्वाज को जेल भेजने पर आमादा है उससे केजरीवाल को तीखा झटका लगना तय है। केजरीवाल के पास ले देकर सौरभ ही तो बचे हैं। सौरभा जेल चले जाते हैं तो ये केजरीवाल की कमर टूटने जैसा रहेगा। मनीष सिसोदिया को पंजाब का प्रभारी बनाकर वो पहले ही दिल्ली से हटा चुके हैं। सत्येंद्र जैन भी पंजाब के सह प्रभारी का काम देख रहे हैं। ऐसे में सौरभ जेल चले गए तो दिल्ली में पार्टी को कौन संभालेगा। खुद उनके ऊपर शराब घोटाले की जांच की तलवार लटक रही है। बीजेपी अगर उनको पहले जेल भिजवा सकती है तो अब ऐसा करने में अमित शाह और उनकी टीम को कोई परेशानी नहीं होगी। लिहाजा वो पहले ही दिल्ली की राजनीति से अपनी अच्छी खासी दूरी बना चुके हैं। 

सौरभ बोले- बीजेपी सरकार कर रही है बदले की राजनीति

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इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिस मामले के लिए उनके खिलाफ शिकंजा कसा जा रहा है, वो कोविड के दौरान का है। उनकी सरकार लोगों के लिए बेहतरीन अस्पताल बनाना चाहती थी तभी ये योजना बनी। कोविड खत्म हो गया तो योजना भी धीमी पड़ गई। उनका कहना है कि बीजेपी उनके खिलाफ बदले की राजनीति कर रही है।  

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