/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/28/D1IwgA4RyjOgIbugIHMN.png)
दिवंगत मैल्कम मार्शल एक ऐसे कैरेबियाई गेंदबाज थे जो अपनी तूफानी रफ्तार के अलावा एक और चीज के लिए जाने जाते थे वो थी गुडलैंथ स्पाट से गेंद को बाउंस कराने की कला। उनकी इस बाजीगरी की वजह से माइक गैटिंग की नाक टूटी तो दिलीप वेंगसरकर, मोहिंदर अमरनाथ और न जाने कितने बल्लेबाज कई दिनों तक अस्पताल में एडमिट रहे। उनका सामना करने की बजाय खिलाड़ी आउट होना पसंद करते थे। लेकिन सुनील गावस्कर किसी अलग ही मिट्टी के बने थे। मार्शल की बाउंसर उनके सिर में लगी। मैदान के साथ भारत के ड्रेसिंग रूम में भी भगदड़ मच गई। लेकिन गावस्कर टस से मस नहीं हुए। उन्होंने मैदान छोड़ने से इन्कार कर दिया था।cricket analysis | commentary cricket | cricket
1983 के वेस्टइंडीज दौरे पर हुआ था वाकया
वाकया 1983 के वेस्टइंडीज दौरे पर हुआ। बाउंसी पिच पर गावस्कर दुनिया के सबसे खौफनाक बालिंग अटैक का सामना कर रहे थे और वो भी हेलमेट के बगैर। यह घटना दोनों टीमों के बीच सीरीज के तीसरे टेस्ट के दौरान हुई। सीरिज का पहला टेस्ट चार विकेट से जीतकर वेस्टइंडीज ने 1-0 की बढ़त बना ली थी। गावस्कर ने सीरीज की चार पारियों में केवल 53 रन बनाए थे। तीसरे टेस्ट में बारिश के कारण भारत की पहली पारी पांचवें दिन शुरू हो सकी थी। गावस्कर स्कोर बनाने के लिए बेताब थे जबकि मार्शल उनको आउट करने के लिए। मार्शल ने राउंड द विकेट आकर तूफानी रफ्तार से गावस्कर को बाउंसर फेंकी। गेंद उनके सिर पर लगने के बाद काफी दूर तक उछली। तब वह 49 रन पर पहुंच गए थे। नजारा देखकर भारत के ड्रेसिंग रूम में हड़कंप मच गया। वेस्टइंडीज के फील्डरों को भी लगा कि गावस्कर अब खड़े नहीं रह पाएंगे।
बर्फ लेकर गए थे मोरे, गावस्कर ने भगा दिया
भारतीय टीम में किरण मोरे को पहली बार शामिल किया गया था। वो 12वें खिलाड़ी थे। मोरे ने कहा- मुझे गुयाना में हुआ एक टेस्ट मैच आज भी याद है। सुनील बल्लेबाजी कर रहे थे और मैल्कम मार्शल बालिंग। बकौल मोरे 1983 में अब तक मैंने जितने भी तेज गेंदबाजों को देखा या जिनके खिलाफ खेला उनमें से ये सबसे बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण था। गार्नर, माइकल होल्डिंग, मार्शल, एंडी रॉबर्ट्स, वेन डैनियल, कॉलिन क्रॉफ्ट, विंस्टन डेविस। गुयाना टेस्ट मैच में मार्शल गेंदबाजी कर रहे थे और गेंद सुनील के माथे पर लगी। गेंद किस कदर तेज थी कि सिर पर लगना के बाद ये मिड ऑफ या एक्स्ट्रा कवर पर गई थी। सीरिज में मार्शल कई ऐसे बल्लेबाजों को चोटिल कर चुके थे जो बाकायदा हेलमेट पहनकर उनका सामना करने मैदान में आए थे।
गेंद लगते ही भारतीय कप्तान कपिल देव बेचैन हो गए। उन्होंने मोरे को ग्राउंड में जाने को कहा। मोर जल्दी से ड्रेसिंग रूम से भागे, लेकिन उन्हें भगा दिया गया। गावस्कर ने जैसे ही मोरे को देखा उनसे कहा कि भाग जाओ, बस बाहर निकल जाओ। मोरे कहते हैं कि मैं वास्तव में डर गया था। लेकिन गावस्कर की डांट के बाद वो लौट गए। लिटिल मास्टर ने माथे पर गेंद लगने के बावजूद भी बगैर हेलमेट के बैटिंग जारी रखी। मार्शल की अगली फुल लेंथ गेंद को उन्होंने शानदार ड्राइव के जरिये बाउंड्री से बाहर भेजा। जब गेंद लगी तब वो 49 पर थे। दिन के खेल के अंत में, वह 147 रन पर नाबाद थे।
कपिल ने सालों बाद बयां किया वो लम्हा
कई सालों बाद कपिल देव ने उस वाकये को याद करके कहा कि गावस्कर के धैर्य से उनको सबक मिला था। वो कहते हैं कि आप उन चीजों से सीखते हैं, क्योंकि वह एक सीनियर खिलाड़ी है। देश के लिए खेल रहा है। सबसे अच्छे तेज गेंदबाजी आक्रमणों में से एक के खिलाफ कठिन परिस्थितियों में खेल रहा है। वहां कैसे टिके रहना है। भले ही आपको चोट लगे, आपको एक मजबूत खिलाड़ी बनना होगा और आगे बढ़कर शतक बनाना होगा। कपिल का कहना था कि गावस्कर ने उसके बाद भी हेल मेट नहीं पहना।
हिट होने के बाद भी गावस्कर ने नहीं पहना हेलमेट
वो अपने पूरे करियर में बगैर हेलमेट के खेले। गावस्कर के साथी रहे अंशुमन गायकवाड का कहना था कि उस दिन मैंने सीखा कि यह वास्तव में टेस्ट क्रिकेट है। अगर आप वास्तव में एक मजबूत खिलाड़ी हैं तो आप टेस्ट क्रिकेट खेल सकते हैं। टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए आपके पास दृढ़ इच्छाशक्ति और दिल होना चाहिए। टेस्ट क्रिकेट में बने रहने का यही एकमात्र तरीका है, अन्यथा यह बहुत मुश्किल होने वाला है। यही मैंने वेस्टइंडीज सीरीज में सीखा, जिस तरह से सुनील ने उस दिन बल्लेबाजी की वो बेमिसाल था। वेस्टइंडीज के तूफानी गेंदबाज सिर पर हिट के बाद भी उऩको आउट नहीं कर पाए। गावस्कर अपने ही अंदाज में डेढ़ सौ के करीब पहुंचने के बाद लौटे।
Sunil Gavaskar, Malcolm Marshall Marshall blow, third Test, 1983 searies, Kapil Dev, Kiran More