नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।
trump | donald trump news | tarrif | Trump tariff | वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली है, जिसकी मुख्य वजह अमेरिका द्वारा आयातित वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा है। इस कदम से व्यापार युद्ध का खतरा बढ़ गया है, जिससे निवेशकों ने सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख किया है। अमेरिकी शेयर बाजार के साथ-साथ एशियाई बाजारों में भी तेज गिरावट दर्ज की गई।
अमेरिकी बाजारों पर असर
donald trump tariff : अमेरिकी स्टॉक फ्यूचर्स में तेज गिरावट देखी गई। डॉव जोन्स के फ्यूचर्स में 2.5% से ज्यादा की गिरावट आई, जबकि एसएंडपी 500 और नैस्डैक के फ्यूचर्स में क्रमशः 3.6% और 4.5% की गिरावट दर्ज की गई। टेक कंपनियों के शेयर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जिनमें एप्पल और नाइक जैसी कंपनियों के शेयरों में 7% तक की गिरावट देखी गई।
इसके अलावा, आयातित सामान बेचने वाली कंपनियों के शेयर भी लुढ़के। फाइव बिलो के शेयर 14% गिरे, जबकि डॉलर ट्री और गैप जैसी कंपनियों के शेयरों में भी दहशत के कारण भारी बिकवाली देखी गई।
एशियाई बाजारों में हड़कंप
एशियाई बाजारों में भी नकारात्मक प्रभाव साफ दिखाई दिया
जापान: निक्केई 225 इंडेक्स में शुरुआती कारोबार में 4% से अधिक की गिरावट देखी गई, हालांकि बाद में यह सूचकांक 2.9% नीचे 34,675.97 पर बंद हुआ। अमेरिका द्वारा जापानी उत्पादों पर 24% टैरिफ लगाने की घोषणा से निवेशक चिंतित हैं।
दक्षिण कोरिया: कोस्पी इंडेक्स 1.5% गिरकर 2,468.97 पर पहुंच गया। अमेरिका ने दक्षिण कोरियाई उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
हॉन्ग कॉन्ग: हैंग सेंग इंडेक्स 1.4% गिरकर 22,887.03 पर बंद हुआ।
चीन: शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में मामूली गिरावट देखी गई, जो 0.1% से कम गिरकर 3,348.67 पर रहा।
ऑस्ट्रेलिया: एसएंडपी/एएसएक्स 200 इंडेक्स 1.3% गिरकर 7,830.30 पर बंद हुआ।
कमोडिटी और करेंसी मार्केट पर असर
सोना: निवेशकों ने सुरक्षित संपत्ति के रूप में सोने की ओर रुख किया, जिससे इसकी कीमतें बढ़कर सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गईं।
कच्चा तेल: अमेरिकी कच्चे तेल (WTI) की कीमत 2.08 डॉलर गिरकर 69.63 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई, जबकि ब्रेंट क्रूड 2.06 डॉलर गिरकर 72.89 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
डॉलर: अमेरिकी डॉलर जापानी येन के मुकाबले 148.07 पर आ गया, जबकि यूरो 1.0897 डॉलर पर पहुंच गया।
भारतीय बाजार पर संभावित प्रभाव
भारतीय शेयर बाजार पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है, खासकर आईटी और निर्यात-आधारित कंपनियों पर। अगर वैश्विक बाजारों में अस्थिरता जारी रहती है, तो भारतीय इक्विटी मार्केट में भी बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है।
अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने के फैसले से वैश्विक बाजारों में दहशत फैल गई है। निवेशकों ने जोखिम भरी संपत्तियों से पैसा निकालकर सोने और अन्य सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख किया है। अगर यह स्थिति जारी रहती है, तो आने वाले दिनों में बाजारों में और अधिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।