नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक अनोखा वाकया पेश आया। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एक मामले की सुनवाई कर रहे थे कि अचानक हत्थे से उखड़ गए। सामने खड़े वकील को उन्होंने सीधी चेतावनी देकर कहा कि वो चाहे तो झूठ बोल सकता है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जज की तौहीन करने की कोशिश भी मत करना। नहीं तो पता भी नहीं चलेगा कि कौन सा केस लेकर यहां आए थे।
सीनियर के नाम पर जब वकील ने मांगी मोहलत
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस विक्रम नाथ एक केस की सुनवाई करने जा ही रहे थे कि वकील ने कहा कि थोड़ी देर के लिए रुक जाएं। उनके सीनियर अभी कोर्ट में नहीं पहुंच पाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट को पास ओवर दे दिया। बखेड़ा तब खड़ा हुआ जब वो ही मामला फिर से डबल बेंच के सामने सुनवाई के लिए रखा गया।
दोबारा मामला लगा तो बोला, सीनियर हाईकोर्ट में हैं
जस्टिस पीवी संजय कुमार ने एडवोकेट से जिरह करने को कहा। वकील ने कहा कि थोड़ी देर के लिए मामले को और टाल दीजिए। एडवोकेट अभी तक हाईकोर्ट में बिजी हैं। वो एक केस की पैरवी के लिए हाईकोर्ट गए थे लेकिन अभी तक वहां से फ्री नहीं हो पाए हैं। वकील का इतना कहना था कि जस्टिस हत्थे से उखड़ गए। उनके तेवर देखकर वकील सकपका गया।
जस्टिस बोले- झूठ बोल देते, ईगो क्यों हर्ट कर रहे हो
डबल बेंच के जस्टिस पीवी संजय कुमार ने कहा कि एडवोकेट चाहे तो थोड़ा झूठ बोल सकता है। लेकिन वो ये कहकर उनकी तौहीन कर रहा है कि उसके सीनियर हाईकोर्ट में बिजी हैं। क्या उसको ये नहीं पता कि सुप्रीम कोर्ट सबसे ऊपर है। हम केवल इसलिए मामले को टालते रहें कि सीनियर एडवोकेट को हाईकोर्ट ज्यादा इंपोर्टेंट लगता है। जस्टिस ने वकील को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी ईगो हर्ट करने की कोशिश भी मत करना। हमें बुरा बहुत जल्दी लग जाता है। अगर फिर से ऐसा किया तो पता भी नहीं चलेगा कि तुम्हारा केस कहां से कहां चला गया।
दूसरे जस्टिस ने कहा- हमें गुस्सा बहुत जल्दी आता है
डबल बेंच के दूसरे जस्टिस विक्रम नाथ ने अपने सीनियर की हां में हां मिलाते हुए कहा कि तुम्हारे सीनियर ने तुम्हे इतना तक नहीं सिखाया है कि सुप्रीम कोर्ट के जज से कैसे बात करनी है। तुम यहां ये कह रहे हो कि हम केवल इसलिए इंतजार करें कि सीनियर को हाईकोर्ट ज्यादा इंपोर्टेंट लग रहा है। उनका कहना था कि थोड़ा सा झूठ बोल देते तो क्या हो जाता। हमारे सामने ही हमारी तौहीन कर रहे हो। तुम्हें पता भी है कि जज को कितनी जल्दी गुस्सा आ जाता है। उसके बाद डबल बेंच ने मामले की सुनवाई 14 जुलाई तक के लिए मुल्तवी कर दी। जजों के तेवर देखकर एडवोकेट की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई थी। वो सिर पर पैर रखकर वहां से निकल भागा।
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