केनबरा, वाईबीएन नेटवर्क।
कंगारू ऑस्ट्रेलिया का प्रतीक जानवर है। कंगारू की पूरी दुनिया में 60 से अधिक प्रजातियां हैं जिनमें से सर्वाधिक ऑस्ट्रेलिया में ही पाई जाती है, लेकिन आज से लगभग 40 हजार साल पहले इसकी कई प्रजातियां विलुप्त हो गई और इसका सबसे बड़ा कारण था मानव द्वारा होने वाला शिकार। कई तथ्यों में पहले बताया गया था कि कंगारूओं के विलुप्त होने का प्रमुख कारण जलवायु परिवर्तन था, जिससे कारण इसको काफी नुकसान पहुचा था, लेकिन ये सच नहीं है। हाल ही में किए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह दावा किया।
शोधकर्ताओं ने प्रचीन कंगारूओं के दातों के जीवाश्मों का अध्ययन किया जिसमें पता चला कि ये कंगारू लचीले आहार का सेवन करते थे जिसक ये खुद को मौसम के मुताबिक ढाल लेते थे। इस बात की संभावना बहुत ही कम है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इनकी प्रजाति विलुप्त हुई होंगी। पहले के समय में मानव द्वारा जानवरों की शिकार प्रथा बहुत ही प्रचलित थी जिसके कारण ऑस्ट्रेलिया में 90 फीसदी से अधिक जानवरों की प्रजातियां विलुप्त हो गयीं जिसमें कंगारू प्रमुख रूप से थे।
मानव शिकार ही सबसे बड़ा कारण
ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्र के संग्रहालय और जीवाश्म विज्ञानी सैमुअल अरमान सहित कई अन्य शोधकर्ताओं ने कंगारूओं के 937 जीवाश्म दातों का अध्ययन किया जिसमें उनके दातों के घिसाव की बारीकी से जांच की, जिसमें सामने आया है ये कंगारू अलग-अलग वनस्पति और पौधे खाते थे जो उनको हर तरह का मौसम सहने के लिए सक्षम बनाती थी। फिर यह कैसे संभव है कि इनका पतन जलवायु परिवर्तन के कारण हुआ। कुछ आंकडे बताते हैं कि धरती पर मनुष्यों का आगमन लगभग 50 से 70 हजार साल पहले हुआ था और जो कंगारुओं के पतन से मेल खाता है।
कंगारू –
कंगारू जानवर ऑस्ट्रेलिया का मूल निवासी है। इस का जानवर का सम्बंध मैक्रोपोडिडो फैमिली से है। इसके पेट में एक थैली नुमा जगह होती है जिसमें ये अपने बच्चे को छुपा लेता है। ये अपने दो पैरों पर कूद कर चलने के लिए जाना जाता है।