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Study: महिलाएं ही बोलती हैं ज्‍यादा, वैज्ञानिकों ने भी लगाई मुहर

यू ऑफ ए के मनोवैज्ञानिक मैथियास मेहल द्वारा 2007 में किए गए मूल अध्ययन में 500 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। इसके बाद उनके डेटा का उपयोग किया था, जिसमें बताया गया कि महिलाएं पुरुषाें के मुकाबले अधिक बोलती हैं।

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Suraj Kumar
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन नेटवर्क। 

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आमतौर पर महिलाओं को बहुत बातूनी माना जाता है। अगर ये बात किसी महिला को बोल दी जाए तो हो सकता है, उनको इस बात का बुरा लग जाए। हाल ही में इसको लेकर एक अध्‍ययन सामने आया है जिसमें बताया गया है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले 3000 शब्‍द ज्‍यादा बोलती हैं। 2007 में  भी इसको लेकर यूनिवर्सिटी ऑफ़ एरिज़ोना  के एक अध्ययन में बताया गया था कि महिला और पुरुष मिलकर प्रतिदिन लगभग 16,000 शब्द बोलते हैं। 

25 से 64‍ साल की महिलाएं बोलती हैं अधिक 

यू ऑफ ए के मनोवैज्ञानिक मैथियास मेहल द्वारा 2007 में किए गए मूल अध्ययन में 500 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। इसके बाद उनके डेटा का उपयोग किया था।। इन व्यक्तियों ने EAR (इलेक्ट्रॉनिक रूप से सक्रिय रिकॉर्डर) का एक उपकरण पहना था, जो उनकी रोजना की बातचीत को रिकॉर्ड कर रहा था। परिणामों में कई बात सामने आई जो हैरान करने वाली थी। अध्ययन में पाया गया कि अधिकांश आयु वर्ग में पुरुष और महिलाएं लगभग समान संख्या में शब्द बोलते हैं। हालाँकि, 25 से 64 वर्ष की महिलाएँ अधिक बोलती हैं, जो प्रतिदिन लगभग 21,845 शब्द बोलती हैं, जबकि इसी आयु वर्ग के पुरुष लगभग 18,570 शब्द बोलते हैं।  

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अधिक बात करने का कारण

शोधकर्ताओं ने इसका कारण जानने की कोशिश की महिलाएं पुरुषों के मुकाबले इतना अधिक क्‍यों बोलती हैं। इसके कुछ संभावित परिणाम सामने आए, जिसमें बताया गया कि  महिलाएँ अक्सर इन वर्षों के दौरान अपने बच्‍चों की देखभाल की ज़िम्मेदारियाँ उठाती हैं, इसलिए वे बच्चों के साथ ज़्यादा बातचीत करती हैं। इससे उनमें भी ज्‍यादा बातचीत करने की आदत हो जाती है। 

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प्रमुख शोधकर्ता और यूनिवर्सिटी ऑफ ए के मनोविज्ञान विभाग में प्रोफेसर मेहल ने कहा , "बच्चों के पालन-पोषण और परिवार की देखभाल में लिंग-संबंधी अंतर एक संभावना है जो इस अंतर का कारण हो सकती है।"

अब बातचीत हो रही है कम

अध्‍ययन में यह भी पाया गया है कि लोग पहले की तुलना में अब कम बोल रहे हैं। इसका सबसे बडा कारण बातचीत के तरीकों में बदलाव है। आज लोग बातचीत करने के लिए तकनीक का सहारा ले रहे हैं। मोबाइल फोन पर भी बातचीत अब चैट के माध्‍यम से ही होती है, जो इसका सबसे बडा कारण है। 

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