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Photograph: (AI)
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
कृषि विभाग ने किसानों से जिले में साठा धान की खेती न करने की अपील की है। पर्यावरण के लिए नुकसानदेह साठा धान की जगह कम पानी और कम लागत वाली फसलें, तरबूज, खरबूज, उर्द, मूंग की खेती करने की सलाह दी है।
उपकृषि निदेशक अभिनंदन सिंह ने किसानों से अपील की कि अपने खेतों में साठा धान की रोपाई न करें क्योंकि यह पर्यावरणीय दृश्टिकोण से अनुकूल नहीं है। भूगर्भ जलस्तर के लगातार नीचे गिरने, खरीफ फसलों से कीटरोग के प्रभाव को कम करने के लिए भी यह जरूरी है कि साठा धान न लगाया जाए। साठा धान लगाने से भूमि की उर्वराषक्ति क्षीण होती है और इससे कीट रोग पनपते हैं, जिससे खरीफ की फसलों को नुकसान होता है।
किसान कम पानी और लागत वाली फसलें उगाएं
उन्होंने कहा कि साठा धान के स्थान पर जायद की फसलें तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी और अन्य ग्रीष्मकालीन सब्जियों के साथ दलहनी फसलों और उर्द, मूंग की खेती कम लागत में करके अधिक लाभ लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बरेली जिले में साठा धान की खेती प्रतिबंधित है। किसानों से अनुरोध है कि वे इसके स्थान पर कम पानी और कम लागत वाली फसलें, तरबूज, खरबूज एवं दलहन, उर्द, मूंग की खेती के साथ जायद मक्का की फसल भी उगा सकते है।
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