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कृषि विभाग: तबादला हुए नौ महीने हो गए, कब रिलीव होंगे ये बाबू

शासन से आया पत्र-जिन बाबुओं का दूसरी जगह तबादला हो चुका है, उनको तुरंत रिलीव करके नई जगह ज्वाइन कराएं । ऐसा न होने पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।

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Sudhakar Shukla
Agriculture Department

अमित कुमार वर्मा वरिष्ठ सहायक जिला कृषि अधिकारी कार्यालय बरेली, वीरेंद्र गंगवार तकनीकी सहायक संयुक्त कृषि निदेशक कार्यालय बरेली

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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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कृषि निदेशालय लखनऊ से अपर निदेशक प्रशासन टीएम त्रिपाठी का एक पत्र उप निदेशक और संयुक्त कृषि निदेशक के नाम से बरेली में आया है। उसमें कहा गया है कि अधीनस्थ कृषि सेवा संवर्ग प्राविधिक सहायक ग्रुप सी के कर्मचारियों के पदोन्नति या स्थानान्तरण के संबंध में 20 दिसंबर 2024 को जारी आदेश का संज्ञान लें। इसमें कृषि विभाग के उप निदेशक और संयुक्त निदेशक पिछले साल तबादला हो चुके कर्मचारियों को तत्काल कार्यमुक्त कर दें। साथ ही कृषि विभाग के तबादला होने वाले कर्मचारी नए कार्यस्थल पर तुरंत योगदान करें। अगर कृषि विभाग का कोई कर्मचारी अपनी नई तैनाती का आदेश रोककर उसी कार्यस्थल पर काम करते पाए गए तो इसे कर्मचारी सेवा नियमावली 1956 के नियम 27 का उल्लंघन मानते हुए उनके नियंत्रक अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसलिए, कृषि विभाग के जनपद कार्यालय में कार्यरत पहले से स्थानांतरित कर्मियों को नवीन तैनाती स्थल पर ज्वाइन करने के लिए तत्काल कार्यमुक्त कर दें। 

9 महीने बाद भी नहीं हुआ ट्रांसफर, आदेशों की खुलेआम अवहेलना

यह आदेश तो कृषि निदेशालय लखनऊ से 16 अप्रैल को जारी हुआ है, जो बरेली कृषि विभाग में पहुंच भी चुका है। मगर, उससे पहले भी ऐसे न जाने कितने आदेश जारी हो चुके हैं। मगर, बरेली कृषि विभाग के किसी अफसर को शासन के इन आदेशों से कोई फर्क नहीं पड़ता। इसकी बानगी भी देखी जा सकती है। जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी के कार्यालय में बीस साल से कार्यरत वरिष्ठ सहायक अमित वर्मा का कृषि रक्षा विभाग में ट्रांसफर 29 जून 2024 को हुआ था। विकास भवन में नीचे जिला कृषि अधिकारी का दफ्तर है। ऊपर कृषि रक्षा अधिकारी का कार्यालय का। मगर, अमित कुमार वर्मा नौ महीने बाद भी रिलीव नहीं हुए। क्योंकि मसला एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर में रिलीव होने का नहीं बल्कि ऊपरी कमाई का है। जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में खाद की दुकानों से ऊपरी कमाई बहुत ज्यादा है। कृषि विभाग के एक सूत्र की मानें तो यह बाबू जिला कृषि अधिकारी के दफ्तर में नई टाइल्स लगवाने के अलावा उनके घर और कार्यालय में एयर कंडीशन लगवाने से लेकर तमाम सेवाएं करते रहते हैं। इसलिए नौ महीने बाद भी रिलीव नहीं हुए।

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संयुक्त निदेशक कृषि राजेश कुमार ने इस मामले में जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी से कई महीने पहले इस मामले में जवाब भी मांगा था। मगर, उसका कोई असर नहीं पड़ा। ऐसे ही कृषि विभाग के एक तकनीकी सहायक वीरेंद्र गंगवार की तैनाती भी संयुक्त कृषि निदेशालय बरेली में लंबे समय से है। इनकी मूल पोस्टिंग बहेड़ी तहसील में है। मगर, इन्होंने जुगाड़ करके एक साल से ज्यादा समय से संयुक्त कृषि निदेशक कार्यालय में खुद को अटैच करा रखा है। वीरेंद्र गंगवार का तबादला बीते साल जुलाई में कानपुर मंडल के फर्रुखाबाद जिले में हो गया था। तबादला आदेश अब तक कूड़ेदान में पड़ा है। मगर, बाबू टस से मस नहीं हुए। अब शासन से नया आदेश जारी होने के बाद अफसर इनको रिलीव करते हैं या नहीं। यह भी देखने वाली बात होगी।

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