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बरेली, वाईबीएन नेटवर्क। बहेड़ी में करोड़ों रुपये के राइस मिल सौदे से जुड़ा विवाद अब और पेंचीदा होता जा रहा है। नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन हाजी जमील अहमद के बेटे सलीम अख्तर से 3.15 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में पहले आठ लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन अब विवेचना के दौरान दो और बड़े नाम सामने आ गए हैं-सपा विधायक अताउर रहमान की बहन फरजाना और बहनोई नसीम अख्तर। नसीम अख्तर बरेली कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर हैं।
सलीम अख्तर ने 16 अक्तूबर 2023 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि मोहम्मदपुर रोड स्थित एचके इंडस्ट्री राइस मिल नैनीताल बैंक का भारी कर्ज न चुका पाने के कारण डिफॉल्टर हो गई थी। आरोप है कि इसके दस साझेदारों ने 2 नवंबर 2020 को 3.15 करोड़ रुपये में मिल का सौदा किया। सलीम के मुताबिक 1.20 करोड़ रुपये बैंक में चेक से जमा किए गए, जबकि शेष राशि साझेदारों को नगद दी गई। सौदे का इकरारनामा भी उसी दिन बना, जिसमें कब्जा देने का वादा किया गया था, परंतु साझेदार लगातार टालमटोल करते रहे। सलीम को जब पता चला कि मिल को किसी अन्य को बेचने की तैयारी चल रही है तो उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया। शुरुआती रिपोर्ट में हाजी कमरुद्दीन, बदरुद्दीन, नूरुद्दीन, मोइनुद्दीन उर्फ भूरा, नसरुद्दीन, जहीरुद्दीन, मुख्तियार अहमद और अफसाना के नाम शामिल थे। सीओ बहेड़ी अरुण कुमार ने बताया कि वित्तीय दस्तावेजों की जांच में मिल के 30त हिस्से पर फरजाना और नसीम अख्तर की साझेदारी पाई गई। इसके बाद विवेचक धर्मेंद्र सिंह ने दोनों के नाम केस में बढ़ा दिए हैं। सपा विधायक अताउर रहमान कह रहे हैं कि यह मामला उनके परिवार का नहीं, बल्कि आपसी रिश्तेदारों का आपसी विवाद का है।
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