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Bareilly News : बरेली में बाघ की दहशत, सात दिन से आबादी के आसपास कर रहा चहलकदमी

बरेली के हाफिजगंज इलाके में सात दिन से बाघ आबादी के आसपास चहलकदमी कर रहा है, इससे ग्रामीणों में दहशत फैली हुई है। डर की वजह से ग्रामीणों ने खेतों की ओर जाना बंद कर दिया है। महिलाएं और बच्चे गांव से बाहर नहीं निकल रहे।

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KP Singh
Tiger in Bareilly

Photograph: (AI)

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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली। बरेली के हाफिजगंज इलाके में सात दिन से बाघ आबादी के आसपास चहलकदमी कर रहा है। ग्रामीणों ने दहशत में खेतों की ओर जाना बंद कर दिया है। महिलाएं और बच्चे गांव से बाहर नहीं निकल रहे हैं। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में कॉबिंग की लेकिन उसके पगचिह्न तो दिखे पर बाघ की लोकेशन नहीं मिली। ड्रोन उड़ाकर भी बाघ की तलाश की गई मगर वह कहीं दिखाई नहीं दिया।

बरेली में बाघ की दहशत
हाफिजगंज इलाके में खेत में बाघ के पगचिह्न।

 हाफिजगंज थाना क्षेत्र के गांव चंदुआ चमरूआ के सूरज पाल 13 मार्च की शाम 8-10 ग्रामीणों के साथ खेतों से काम करके घर लौट रहे थे। इस दौरान उन्होंने सड़क किनारे बाघ को देखा, इससे किसानों में दहशत फैल गई। किसी तरह वे बचकर गांव पहुंचे और सूचना ग्रामीणों को दी। प्रधान रामकिशोर ने वन विभाग को सूचना दी। इसके अगले दिन वन विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर कॉबिंग की लेकिन बाघ का सुराग नहीं लगा। 

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बरेली में बाघ की दहशत
बाघ देखे जाने की सूचना इकट्ठा हुए ग्रामीण।

 होमगार्ड ने खेत में पानी पीते हुए देखा बाघ

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चंदुआ चमरूआ गांव में ही रहने वाले होमगार्ड प्रताप सिंह तीन दिन पहले सुबह करीब सात बजे ड्यूटी पर जा रहे थे। इस दौरान उन्होंने गन्ने के खेत में बाघ को पानी पीते देखा। वह भी किसी तरह वहां से बचकर भागे। इसके अलावा गांव में निर्माणाधीन गोशाला में भी बाघ देखा जा चुका है।

जब एक छलांग में कूद गया 14 फुट चौड़ी सड़क

प्रधान रामकिशोर ने बताया कि गांव में आबादी के आसपास 13 मार्च से लगातार बाघ देखा जा रहा है। कुछ दिन पहले शाम के समय किसान खेतों में काम करके घर लौट रहे थे। तभी उन्होंने बाघ को 14 फुट सड़क एक ही छलांग में पार करते देखा यह देख उनमें दहशत फैल गई।

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बरेली में बाघ की दहशत
बाघ देखे जाने की सूचना पर चंदुआ चमरूआ गांव पहुंची वन विभाग की टीम।

 ड्रोन उड़ाकर की बाघ की तलाश

प्रधान की सूचना पर सोमवार सुबह एक बार फिर वन दरोगा माधो सिंह, अकबर अली, असरफ आदि टीम के साथ गांव में पहुंचे। ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि बाघ किसान प्रताप सिंह के गन्ने के खेत की तरफ देखा गया है। वन विभाग की टीम ने ड्रोन उड़ाकर बाघ की तलाश की लेकिन उसका पता नहीं चला। 3 साल पहले हाफिजगंज के कमुआ गांव में तेंदुआ देखा गया था। वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने में नाकाम रही थी। कई लोगों को हमला कर घायल करने से गुस्साए ग्रामीणों ने तेंदुए को घेरकर मार डाला था।

गन्ने के खेत में बना रखा है ठिकाना

ग्रामीणों के मुताबिक इस समय गन्ने की फसल कटने के कगार पर है। गन्ना काफी लंबा होने की वजह से बाघ के लिए गन्ने के खेत छिपने का बेहतर ठिकाना बन गए है। भोजन पानी भी यहां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। हालांकि अभी तक बाघ के किसी जानवर का शिकार करने की जानकारी सामने नहीं आई है। 

झुंड में खेतों पर जा रहे किसान, गांव में कैद हुए बच्चे और महिलाएं

बाघ की लगातार चहलकदमी देखे जाने की वजह से ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। बच्चे और महिलाएं गांव में कैद होकर रह गए हैं। वहीं किसान भी झुंड में बेहद जरूर होने पर गांव से बाहर निकल रहे हैं। वन विभाग ने भी ग्रामीणों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से पिंजड़ा लगवाकर बाघ को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग की है। 

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