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बीडीए की टीम ने 7000 वर्ग मीटर की अवैध कॉलोनी पर चलाया बुलडोजर... जानिए क्यों

स्थानीय विकास प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम ने थाना इज्जतनगर में सात हजार वर्ग मीटर कालोनी पर बुल्डोजर चला दिया। अवैध कॉलोनी के ध्वस्तीकरण से प्रॉपर्टी डीलरो में हड़कंप मच गया।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली। स्थानीय विकास प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम ने थाना इज्जतनगर में सात हजार वर्ग मीटर  कालोनी पर बुल्डोजर चला दिया। अवैध कॉलोनी के ध्वस्तीकरण से प्रॉपर्टी डीलरो में हड़कंप मच गया। 

अहलादपुर में बीडीए की बड़ी कार्रवाई, 7000 वर्गमीटर में अवैध प्लाटिंग ध्वस्त

प्रॉपर्टी डीलर सियाराम ने थाना इज्जतनगर क्षेत्र के बड़ा बाईपास इलाके के ग्राम अहलादपुर में शिव नगर कालोनी के नाम से लगभग 7000 वर्गमी0 क्षेत्रफल में बिना विकास प्राधिकरण की स्वीकृति के प्लाटिंग का काम शुरु कर दिया। इस अवैध कालोनी में सड़क, विद्युत पोल, भूखण्डों का चिन्हांकन का कार्य करते हुए अवैध कालोनी का निर्माण कार्य कराया जा रहा था। इस अवैध कालोनी पर बीडीए ने बुल्डोजर चला गया। अवैध कॉलोनी के विरूद्ध नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 की सुंसगत धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुए प्राधिकरण के अवर अभियन्तागण अजीत साहनी,  सीताराम, बौद्धमणि गौतम, रमन अग्रवाल अधिशासी अभियन्ता  योगेन्द्र कुमार एवं संयुक्त सचिव  दीपक कुमार एवं प्रवर्तन टीम ने  ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की। कॉलोनी की दीवारें, सड़क, बिजली के पोल जेसीबी से उखाड़ दिए गए।

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कोई भी प्लॉट या भवन खरीदने से पहले मानचित्र जरुर देखें 

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बीडीए उपाध्यक्ष माणिकनंदन ए ने कहा है कि उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 के प्राविधानों के अन्तर्गत किसी भी व्यक्ति के द्वारा खाली जमीन पर निर्माण या प्लाटिंग करने से पूर्व बरेली विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराना अनिवार्य है। बिना मानचित्र स्वीकृत कराये खाली जमीन पर प्लाटिंग या भवन निर्माण करना पूरी तरह से अवैध माना जाएगा। बिना मानचित्र स्वीकृत किए गए विकास या निर्माण का ध्वस्तीकरण किया जा सकता है। शहर में भवन या भूखण्ड क्रेताओं को सलाह है कि भविष्य में किसी भी परेशानी से बचने के लिए भवन या भूखण्ड क्रय करने से पूर्व उसकी मानचित्र स्वीकृति सम्बन्धी जानकारी प्राधिकरण से अवश्य प्राप्त कर लें।  मानचित्र स्वीकृत न होने की स्थिति में खरीदारी से बचें।  अन्यथा की दशा में प्राधिकरण की ओर से नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत प्रभावी कार्यवाही की जायेगी, जिसका समस्त उत्तरदायित्व निर्माणकर्ताओं का स्वयं का होगा।

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