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Mirganj accident: मजदूर का शव देख भड़के लोग, नेशनल हाईवे पर डेढ़ घंटे हंगामा

मीरगंज में ईंट-भट्ठा पर हुए हादसे में मजदूर की मौत पर भड़के लोगों ने नेशनल हाईवे पर करीब डेढ़ घंटे जमकर हंगामा किया। भीड़ में शामिल लोग मृतक के परिवार को भट्ठा मालिक से पांच लाख रुपये मुआवजा दिलाने की मांग कर रहे थे।

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Sanjay Shrivastav
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली। मीरगंज में ईंट-भट्ठा पर हुए हादसे में मजदूर की मौत पर भड़के लोगों ने नेशनल हाईवे पर करीब डेढ़ घंटे जमकर हंगामा किया। भीड़ में शामिल लोग मृतक के परिवार को भट्ठा मालिक से पांच लाख रुपये मुआवजा दिलाने की मांग कर रहे थे। मौके पर पहुंचीं एसपी साउथ ने भट्ठा मालिक पर कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद लोग शांत हुए।

जनपद बरेली के थाना मीरगंज क्षेत्र में कस्बे से करीब ढाई किमी दूर नेशनल हाईवे किनारे न्यू दुर्गा ब्रिक फील्ड नाम से ईंट भट्ठा है। शनिवार सुबह करीब आठ बजे सात मजदूर ईंटों को तांगा और दूसरे वाहनों से इकट्ठा करके पकाने के लिए लगा रहे थे। इनमें मीरगंज थाना क्षेत्र के गांव परौर निवासी लीलाधर, बबलू, पैगरा नगरी गांव के इसरार, धनेटा गांव निवासी राजीव पुत्र रमेश, कल्लू पुत्र नन्हें, छोटेलाल पुत्र मनीराम और बलूपुरा गांव के नन्हें बाबू पुत्र मोहम्मद हुसैन शामिल थे। 

पकाने को लगाईं कच्ची ईंटों की दीवार ढहने से हुआ हादसा

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पुलिस के मुताबिक ईंधन और राबिश आदि रोकने के लिए भट्ठे पर चारों ओर कच्ची ईंटों की दीवार बनाई गई थी, जो अचानक ढह गई, जिससे पांच मजदूर मलवे में दब गए। लीलाधर और इसरार को हल्की चोटें आईं। उनके शोर मचाने पर वहां मौजूद अन्य लोग पहुंच गए और कुछ ही देर में मलबा हटाकर राजीव, कल्लू, बबलू और नन्हें को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन छोटेलाल नहीं मिले। उधर, हादसे का पता लगने के बाद मौके पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई।

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चार घंटे मशक्का के बाद निकाला जा सका छोटेलाल का शव

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हादसे की सूचना मिलते ही मीरगंज एसडीएम तृप्ति गुप्ता, सीओ अंजनी कुमार, एसओ प्रयागराज पुलिस टीम के साथ मौके पर जा पहुंचे। फायर ब्रिगेड भी पहुंच गई। भीड़ को देखते हुए मीरगंज के अलावा शाही और फतेहगंज थाने की पुलिस बुला ली गई। अफसरों और पुलिस के कई घंटे मशक्कत के बावजूद छोटेलाल का पता नहीं लगा सके। दोपहर 11:55 बजे एसडीआरएफ मौके पर पहुंची। फिर जेसीबी और क्रेन की मदद से मलबे में दबे वाहन को बाहर निकाला गया। उसमें फंसे होने से छोटेलाल भी मलबा से बाहर आ गए, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

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गुस्साए लोगों ने किया हाईवे जाम, भट्ठा मालिक से मुआवजा दिलाने की मांग

छोटेलाल की लाश देखते ही वहां मौजूद परिजन और ग्रामीण भड़क उठे और लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर हंगामा शुरू कर दिया, जिससे एक तरफ का ट्रैफिक थम गया। पुलिस छोटेलाल का शव ले जाने लगी तो भीड़ ने एंबुलेंस को घेर लिया। पुलिस से धक्का-मुक्की की गई। वहां मौजूद अधिकारियों ने छोटेलाल की सांस चलने और अस्पताल ले जाने की बात कहकर किसी तरह एंबुलेंस को निकलवाया। मगर हाईवे पर लोग हंगामा करते रहे।

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एसपी साउथ ने भट्ठा मालिक पर कार्रवाई का आश्वासन दिया तो शांत हुए

हंगामा कर रहे लोग मृतक परिजनों को भट्ठा मालिक से पांच लाख रुपये मुआवजा दिलाने की मांग कर रहे थे। एसडीएम ने सरकारी मदद जल्द से जल्द दिलाने का आश्वासन दिया, लेकिन लोग राजी नहीं हुए। इस बीच एसडीएम और सीओ ने भट्ठा मालिक से संपर्क करना चाहा, लेकिन उनका मोबाइल नंबर नहीं लगा। हंगामे के चलते पुलिस को धनेटा रेलवे फाटक से ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा। माहौल गर्माने का पता लगने पर दोपहर करीब डेढ़ बजे एसपी साउथ अंशिका वर्मा मौके पर पहुंचीं और लोगों को समझाने की कोशिश की। भट्ठा मालिक के खिलाफ तहरीर देने की बात कहते हुए कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। कहीं तब जाकर लोग शांत हुए, जिसके बाद धीरे-धीरे माहौल सामान्य हो गया।

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शाम को मीरगंज थाने में हुआ समझौता

मृतक छोटेलाल के परिवार में पत्नी पारवती, दो बेटियां और एक बेटा हैं। उनके नाम एक बीघा जमीन है। शाम को भट्ठा मालिक को मीरगंज थाने पहुंचे। पुलिस ने मृतक के परिजनों को भी बुला लिया। जहां भट्ठा मालिक ने  पीड़ित परिवार को 14 लाख रुपये देने का आश्वासन दिया। इसके बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया।

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