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जातीय जनगणना में केंद्र के फैसले पर अपने-अपने दावे... विपक्षी दलों को सरकार की नियत पर शक

केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया है। यह बड़ा राजनीतिक मुद्दा है। सरकार का फैसला आते ही सभी राजनीतिक दलों में श्रेय लेने की होड़ मच गई है।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया है। यह बड़ा राजनीतिक मुद्दा है। सरकार का फैसला आते ही सभी राजनीतिक दलों में श्रेय लेने की होड़ मच गई है। भाजपा नेता जहां केंद्र सरकार के निर्णय को सबका साथ सबका विकास बता रहे हैं। वहीं, सपा नेताओं का कहना है कि दूसरे वायदों की तरह सरकार का यह निर्णय भी जुमला साबित होगा। कांगेसी इसे राहुल गांधी का संघर्ष का नतीजा बता रहे हैं। बसपा नेताओं ने इसे देर से उठाया गया केंद्र सरकार का सही कदम बताया। यंग भारत न्यूज ने इस मुद्दे पर भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस नेताओं से बातचीत की।

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अधीर सक्सेना भाजपा महानगर अध्यक्ष

पिछड़े-अति पिछड़े वर्ग के आंकड़े जुटाने में आसानी होगी: अधीर सक्सेना

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भारतीय जनता पार्टी बरेली के महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना ने कहा कि जातीय जनगणना का केंद्र सरकार ने जो निर्णय लिया है, वह बहुत ही अच्छा निर्णय है। जातीय जनगणना होने से समाज के पिछड़े, अति पिछड़े वर्ग की शैक्षिक और आर्थिक स्थिति क्या है, इसके आंकड़े जुटाने में आसानी होगी। यह प्रभावी कदम है, जो देश को और ज्यादा सशक्त एवं सुदृढ़ करेगा। अब कांग्रेस के पास बोलने को कुछ नहीं बचा। कांग्रेस केवल कहती है, करती कुछ नहीं। भारतीय जनता पार्टी जो कहती है वो करती है। भाजपा का संकल्प- मानना सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है।

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शिवचरन कश्यप

जातीय जनगणना का फैसला जुमला साबित होगा: शिवचरन कश्यप

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समाजवादी पार्टी बरेली के जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप का कहना है कि जातीय जनगणना समाजवादियों और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की लंबे समय से मांग थी, जिससे संख्या के आधार पर सभी को सत्ता में हिस्सेदारी मिल सके। केंद्रीय कैबिनेट ने जाति जनगणना का फैसला लिया है, लेकिन सरकार से यह उम्मीद नहीं है कि वह जातीय जनगणना करा पाएगी, क्योंकि इससे पहले भी इन्होंने कई वादे किए, जो अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। चाहे वह किसानों के खाते में 15 लाख रुपये जाने का मामला हो या काले धन की वापसी का हो, जुमला ही साबित हुए हैं। असलियत में सरकार इसके माध्यम से जनता का ध्यान देश के प्रमुख मुद्दे जैसे पहलगाम में आतंकी घटना, महंगाई और बेरोजगारी से हटाना चाहती है, लेकिन पीडीए के लोग इनकी चाल को समझ चुके है, अब इनके झांसे में आने वाले नहीं।

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अशफाक सकलैनी

कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी का संघर्ष काम आया: अशफाक सकलैनी

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कांग्रेस पार्टी बरेली के जिलाध्यक्ष अशफाक सकलैनी ने कहा कि जातीय जनगणना के लिए कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी लंबे समय से प्रयासरत थे। इसके लिए रैलियां निकाली गईं और हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जातीय जनगणना का मुद्दा लोकसभा में भी उठाया था। राहुल गांधी दूरदर्शी नेता हैं। उनका संघर्ष काम आया, और सरकार को जातीय जनगणना का निर्णय लेना पड़ा। कांग्रेस पार्टी इसका स्वागत करती है, और हर तरह से सहयोग के लिए तैयार है। मगर जातीय जनगणना निष्पक्ष तरीके से हो।

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दिनेश दद्दा

विपक्षी दलों के दबाव में लिया निर्णय: दिनेश दद्दा

कांग्रेस पार्टी बरेली महानगर अध्यक्ष दिनेश दद्दा का कहना है कि जातीय जनगणना लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और विपक्षी दलों के दबाव के बाद लिया गया निर्णय है, जो सराहनीय है। इससे जनता के सभी लोगों को संख्या के आधार पर सत्ता में हिस्सेदारी का मौका मिलेगा। मगर यह तब कारगर साबित होगा, जब इसे न्याय संगत तरीके से कराया जाए।

jaipal singh
डॉ. जयपाल सिंह

केंद्र सरकार का देर से उठाया गया सही कदम: डॉ. जयपाल सिंह

बहुजन समाज पार्टी बरेली के जिलाध्यक्ष डॉ. जयपाल सिंह ने कहा कि जनगणना के साथ ही जातीय जनगणना कराने का केंद्र सरकार द्वारा लिया गया फैसला काफी देर से उठाया गया सही दिशा में कदम है। बहुजन समाज पार्टी जातीय जनगणना के लिए केंद्र सरकार से लंबे समय से मांग करती आ रही है। केंद्र सरकार के जाति जनगणना के फैसले का बहुजन समाज पार्टी स्वागत करती है। उम्मीद है की सरकार जनकल्याण के इस फैसले को समय से जरूर पूरा कराएगी, तब लोगों को जाति जनगणना का लाभ होगा।

Shamim Khan Sultani.
शमीम खां सुल्तानी

जाति जनगणना का फैसला पीडीए की जीत: शमीम खां सुल्तानी

समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी ने जाति जनगणना के केन्द्र सरकार के फैसले को पीडीए और इंडिया गठबंधन की जीत बताया। कहा कि केंद्र सरकार कभी भी इसको कराने की पक्षधर नहीं थी, लेकिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सत्ता में आने पर जाति जनगणना की घोषणा करने और प्रत्येक जनपद में पीडीए आयोजित कराने पर इन्हें बैकफुट पर आकर यह फैसला लेना पड़ा है। मजबूरी में ही सही देर आये दुरुस्त आये। केंद्र सरकार जाति जनगणना कब से शुरू कराकर कब तक पूरा कराएगी इसे भी उजागर करे। उन्होंने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को जाति जनगणना होते समय सजग रहने को कहा, क्योंकि भाजपा आंकड़ों में हेर फ़ेर कर पीडीए के लोगों की संख्या की सही से गणना करेंगे इसकी संभावना कम है।

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