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बच्चों के कोर्स की न लें टेंशन... यहां मुफ्त में मिल रहीं किताबें

अगर बच्चों के स्कूल का महंगा कोर्स खरीदने में असमर्थ हैं या फिर पैसा नहीं है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। बरेली में सीता की रसोई की ओर से एनसी से लेकर 12वीं तक की किताबें निशुल्क मुहैया कराई जा रही है, इसके साथ ही मुफ्त में स्टेशनरी भी दी जा रही है। 

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KP Singh
सीता की रसोई पुस्तक बैंक
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

Bareilly Education News :अगर बच्चों के स्कूल का महंगा कोर्स खरीदने में असमर्थ हैं या पैसा नहीं है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। बरेली में सीता की रसोई पुस्तक बैंक की ओर से एनसी से लेकर 12वीं तक की किताबें निशुल्क मुहैया कराई जा रही है, इसके साथ ही निशुल्क स्टेशनरी भी दी जा रही है। 

एक तरफ जहां शिक्षा का व्यवसायीकरण होता जा रहा है और महंगी होती शिक्षा अभिभावकों की कमर तोड़ रही है तो स्कूलों की मनमानी पर शिक्षा विभाग भी मौन है। ऐसे में बरेली के कर्मचारीनगर में रहने वाले अनुराग मेहरोत्रा ऐसी मुहिम चला रहे हैं, जो अभिभावकों के लिए संजीवनी बनकर उभरी है। अनुराग मेहरोत्रा सीता की रसोई पुस्तक बैंक का संचालन करते हैं, जिसमें एनसी से 12वीं तक के बच्चों को निशुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं। 

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बच्चे को पुस्तक भेंट करते अनुराग मेहरोत्रा। Photograph: (अनुराग मेहरोत्रा)

 कोरोना काल में बढ़ाया कदम, अब सैंकड़ों का कारवां साथ

वर्ष 2020 में कोरोना काल के दौरान अनुराग मेहरोत्रा ने बेटी कनिका के कहने पर इस मुहिम की शुरुआत की। अनुराग बताते हैं कि वह सीता की रसोई संस्था से जुड़े थे। उस समय संस्था जरूरतमंदों को भोजन और कपड़े वितरित करने का कार्य किया करती थी। उन्होंने बताया कि कोविड में लोगों की नौकरी जा रही थी। लोगों के सामने गृहस्थी चलाने का संकट खड़ा हो गया था। आर्थिंक तंगी की वजह से बच्चों की पढ़ाई छूट रही थी। ऐसे में उनकी बेटी कनिका, जिसने उस समय 12 की परीक्षा दी थी कहा कि वह उसकी किताबें किसी जरूरतमंद बच्चे को दे दें ताकि उसकी पढ़ाई सुचारू रह सके। बिटिया की सलाह पर उन्होंने पुस्तक बैंक की शुरुआत की। 

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अब तक बांट चुके 50 लाख रुपये की किताबें

बेटी का सुझाव उन्होंने सीता रसोई के सेवादारों के सामने रखा तो उन्हें भी पसंद आया। इसके बाद संस्था के संस्थापक प्रभात सिंह और विजय बाटला के सहयोग से अनुराग मेहरोत्रा ने शिक्षक दिवस पर सीता की रसोई पुस्तक बैंक की स्थापना की। शुरुआत उन्होंने अपनी बेटी की पुस्तकों से की। फिर धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए और कारवां बनता चला गया। आज संस्था से करीब 250 लोग जुड़े हैं जो नियमित पुस्तकें दान करते हैं। संस्था अब तक 50 लाख रुपये से ज्यादा की पुस्तकें बच्चों को दान कर चुकी है। इस समय अनुराग मेहरोत्रा और सेंट मारिया स्कूल की रिटायर्ड शिक्षिका आशा अग्रवाल पुस्तक बैंक का संचालन कर रहे हैं।

13 अप्रैल को सिविल लाइंस में लगेगा निशुल्क पुस्तक मेला

सीता की रसोई संस्था की ओर से 13 अप्रैल को सिविल लाइंस में निशुल्क पुस्तक मेला लगाया जाएगा। यह मेला बरेली क्लब रोड पर पावर हाउस के सामने सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक लगेगा।  मेले में बरेली के विभिन्न स्कूलों की सीबीएसई और आईसीएसई की एनसी से 12वीं तक की पुस्तकों के अलावा बैंक पीओ, नीट जेईई, गेट आदि की किताबें उपलब्ध होंगी। मेले में जरूरतमंद बच्चों को सीता की रसोई पुस्तक बैंक की और से निशुल्क कॉपी, रजिस्टर और पेन पेंसिल आदि भी दिया जाएगा। इसके लिए बच्चे की स्कूल आईडी साथ में लानी होगी। 

पुस्तक बैंक को दान करें किताबें, जरूरतमंदों की होगी मदद

अगर आपके पास भी पुरानी किताबें हैं, जो किसी बच्चे के काम आ सकती हैं तो उन्हें रद्दी में डालने के बजाय दान करें, ये किसी जरूरतमंद का भविष्य तय कर सकती हैं। साथ ही आप भी इस परोपकार के काम में भागीदार बन सकते हैं।

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