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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली में समाजवादी पार्टी कार्यालय में शुक्रवार को समाज सुधारक, विचारक और लेखक ज्योतिबा फुले की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर सपा नेताओं ने ज्योतिबा फुले के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप ने की। उन्होंने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले 19वीं सदी के प्रमुख समाज सुधारक थे। वह जाति व्यवस्था, पितृ सत्ता और सामाजिक असमानता के खिलाफ मुखर रहते थे।
महात्मा ज्योतिवा फुले मुख्य रूप से समाज के शोषित और वंचित वर्ग ख़ासकर दलितों और महिलाओं के उत्थान पर केंद्रित थे। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा के लिए बहुत कार्य किया। उनका मानना था कि महिलाओं को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाना समाज के विकास के लिए जरूरी है।
पहले महिला विद्यालय की स्थापना महात्मा फुले ने की थी: शमीम खां सुल्तानी
महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी ने कहा के महात्मा फुले ने अपनी पत्नी सावित्री वाई फुले के साथ मिलकर सन 1848 में पुणे में देश का पहला महिला विद्यालय शुरू किया, जो महिलाओं की शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रन्तिकारी कदम था। उनकी पत्नी सावित्री बाई इस विद्यालय की पहली शिक्षिका बनीं। महात्मा फुले ने महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार देने की हमेशा वकालत की। विधवा विवाह जैसे सुधारों का हमेशा समर्थन किया।
समान शिक्षा के पक्षधर थे महात्मा फुले: गोविंद सैनी
महानगर उपाध्यक्ष गोविंद सैनी ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने सत्य शोधक समाज की स्थापना की, जिसका उद्देश्य जाति और धर्म के नाम पर होने वाले शोषण को समाप्त करना था। वह सभी के लिए समान शिक्षा के पक्षधर थे। कार्यक्रम का संचालन महासचिव पंडित दीपक शर्मा ने किया।
कार्यक्रम के दौरान ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में ज़िला उपाध्यक्ष मनोहर पटेल, ज़िला कोषाध्यक्ष अशोक यादव, महानगर उपाध्यक्ष राजेश मौर्या, महानगर सचिव धीरज हैप्पी यादव, आदेश गंगवार, सम्राट अनुज मौर्य, डॉ. सत्यदेव ओझा, पंकज शर्मा, जीत प्रकाश शर्मा, अटल ओझा, विसम्भर दयाल शर्मा आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।
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