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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
पावर कारपोरेशन के विद्युत कर्मचारियों के घरों पर मीटर लगाए जाने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। विद्युत परिषद आशुलेखक संघ ने पावर कारपोरेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर फैसला वापस न लिए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध विद्युत परिषद आशुलेखक संघ के बरेली क्षेत्राध्यक्ष चक्रपाणि कटिहा और मंत्री देवेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार के लगभग सभी विभागों, जैसे रेलवे, रोडवेज, चिकित्सा, शिक्षा आदि में कर्मचारियों को विभागीय सुविधाए मुहैया कराई जाती है, जबकि विद्युतकर्मी निर्धारित दर पर अपने वेतन से प्रतिमाह बिल की कटौती कराते हैं और प्रति एसी 678 रुपये अलग से भुगतान करते हैं फिर उनकी सुविधाओं को समाप्त करने का क्या औचित्य है।
उन्होंने कहा कि 14 जनवरी 2000 को संघ सहित विभिन्न श्रमसंघों के बीच एक समझौता हुआ था कि राज्य विद्युत परिषद के विघटन के बाद कार्मिकों को मिल रही सुविधाएं कमतर नहीं होंगी, इसके बावजूद विद्युत कार्मिकों को मिल रही एलएमवी-10 को समाप्त किया जाना समझौते का उल्लंघन है।
संघ के बरेली क्षेत्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि कटिहा ने बताया कि केंद्रीय कार्यकारिणी के निर्णयानुसार यदि विभागीय कमर्चारियों के परिसर में मीटर लगाए जाने की कार्रवाई तत्काल स्थगित नहीं की जाती है तो शीघ्र ही बहुत बड़ा जन आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिससे होने वाली औद्योगिक अशांति की सारी जिम्मेदारी निगम प्रबंधन की होगी।
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