/young-bharat-news/media/media_files/2025/03/16/T1vIEnUFzGqG50X9rFbN.jpg)
बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
बरेली। बरेली के फरीदपुर थाना क्षेत्र में 11 वर्षीय बच्ची की दुष्कर्म के बाद गला घोंटकर की गई थी। इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हुआ। वारदात से पहले बच्ची को नशा दिए जाने की आशंका होने से विसरा सुरक्षित रख लिया गया है, जो जांच के लिए भेजा जाएगा।
शाहजहांपुर जिले के थाना पुवायां क्षेत्र के गांव का दलित परिवार पिछले दो सालों से बरेली के फरीदपुर में किराए पर रह रहा था। बच्ची की मां प्लाईवुड फैक्ट्री में मजदूरी काम करती थी, जबकि उसका पिता दिहाड़ी मजदूर था। होली के दिन दोनों अपनी रिश्तेदारी में गए थे, जबकि बच्ची घर में अकेली थी। शाम को पड़ोसियों ने बच्ची का शव कमरे में पड़ा देखा तो फौरन इसकी सूचना परिवार वालों को दी। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। शुरूआती छानबीन के दौरान माता-पिता ने बच्ची की मौत का कारण पेट दर्द बताया था।
बच्ची का शव लेकर चुपचाप घर लौट गए माता-पिता
घटना के बाद बच्ची के माता-पिता ने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया और पोस्टमार्टम के बाद बिना कोई शिकायत किए शव लेकर चुपचाप अपने गांव चले गए। पुलिस की जांच में सामने आया कि 15 दिन पहले बच्ची की नजदीकी को लेकर मोहल्ले के एक लड़के से उनका विवाद हुआ था। इसके बावजूद माता-पिता ने इस बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी।
इसे भी पढ़ें-Bareilly : फरीदपुर में डबल मर्डर, हमलावरों ने चाचा-भतीजे को गोलियों से भूनकर मार डाला
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुला मौत का राज
बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने आने पर सच्चाई खुल गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म और गला घोंटकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा, बच्ची के शरीर में नशीले पदार्थ के संकेत भी मिले हैं, जिससे आशंका है कि उसे पहले नशा दिया गया और फिर वारदात को अंजाम दिया गया।
बड़ा सवाल, मामले को क्यों दबा रहे घरवाले
11 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया और फिर गला दबाकर हत्या कर दी गई। इतनी जघन्य घटना होने के बावजूद परिवार वाले खामोश हैं। दरिंदे को जेल भिजवाना तो दूर उसके खिलाफ कुछ बोला तक नहीं है। इससे लगता है कि दरिंदा कोई नजदीकी हो सकता है, जिसको लेकर पुलिस छानबीन भी कर रही है।
पुलिस को मिले अहम सुराग
एसएसपी अनुराग आर्य बच्ची के माता-पिता को शिकायत दर्ज कराने के लिए बुलाया जा रहा है। बच्ची के शरीर पर संघर्ष के कोई निशान नहीं हैं, इसलिए करीबी या जान-पहचान वाले ही शक के दायरे में हैं। कुछ अहम सबूत मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। मामले के जल्द खुलासे के लिए एसओजी और सर्विलांस समेत तीन टीमें तैनात की गई हैं।