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पशु विज्ञान से पर्यावरण विज्ञान तक डॉ. मिश्रा का प्रेरणादायक सफर

इनवर्टिस विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत डॉ. दीपिका मिश्रा शिक्षा जगत में अपने विशिष्ट योगदान के लिए जानी जाती हैं।

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Sudhakar Shukla
Dr. Deepika Mishra
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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इनवर्टिस विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत डॉ. दीपिका मिश्रा शिक्षा जगत में अपने विशिष्ट योगदान के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने एम.जे.पी. रुहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली से पशु विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के उपरांत पर्यावरण विज्ञान में पीएच.डी. कर शैक्षणिक उत्कृष्टता की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।

डॉ. दीपिका मिश्रा अपनी शैक्षणिक दृष्टि और अनुसंधान के माध्यम से भारतीय ज्ञान परंपरा एवं आधुनिक पर्यावरणीय सरोकारों के मध्य एक सशक्त सेतु का निर्माण कर रही हैं। उनका सतत प्रयास है कि भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर, जीवन मूल्यों एवं पर्यावरण संबंधी सिद्धांतों को समकालीन पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान में सार्थक रूप से एकीकृत किया जा सके। उनके शोध और शिक्षण के केंद्र में यह विश्वास है कि परंपरा और विज्ञान के समन्वय से ही एक संतुलित और सतत भविष्य की कल्पना संभव है।

सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ाव के साथ पर्यावरण संरक्षण की पहल

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डॉ. दीपिका मिश्रा शिक्षा के माध्यम से समाज में जागरूकता, उत्तरदायित्व और संवेदनशीलता की भावना को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। उनका विश्वास है कि यदि छात्र अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ाव बनाए रखें, तो वे न केवल पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक बन सकते हैं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व का भी निर्वहन प्रभावी ढंग से कर सकते हैं। उनके इस समर्पित प्रयास से न केवल छात्रों की सोच में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है, बल्कि व्यापक समाज में भी पर्यावरण संरक्षण की चेतना और गंभीरता का संचार हो रहा है।

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