/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/26/yu3GaZPXgtXUiQPPbrSN.jpg)
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
भाजपा नेता और प्रॉपर्टी कारोबारी हरिशंकर गंगवार के शातिर दिमाग की प्लानिंग से गुलजार मार्केट बीडीए के बुल्डोजर से ध्वस्त हो गई। मार्केट में तीस साल से पगड़ी देने के बाद परिवार की रोजी-रोटी चलाने वाले दुकानदार न केवल भाजपा नेता के शातिर दिमाग बल्कि अपने व्यापारी नेताओं के शातिरपन वाली धोखाधड़ी के भी शिकार हो गए। जो व्यापारी नेता पीड़ित दुकानदारों के पक्ष में दिखाई देकर बीडीए ऑफिस में जाकर धरना देने में लगे थे। जब गुलजार मार्केट पर बुल्डोजर चलने लगा तो उन व्यापारी नेता ने मौके पर न जो आने की जरूरत समझी। न ही दुकानें तोड़ते समय पीड़ित दुकानदारों की कॉल उठाई। इससे उन व्यापारी नेता के विरोध को भी शक की नजर से देखा जाने लगा है।
मार्केट टूटने लगी तो व्यापारी नेता ने स्विच ऑफ कर लिया फोन
एक दुकानदार के अनुसार वह ध्वस्तीकरण का नोटिस मिलने के बाद जब शनिवार को बीडीए वीसी से मिलने उनके नए ऑफिस गए तो उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल कंछल गुट के व्यापारी नेता मेज पर हाथ मारकर बहस कर रहे थे। उसके बाद ऑफस के बाहर धरने पर भी बैठ गए। आखिर तक दुकानदारों से कहा कि इस लड़ाई में हर मोड़ पर उनके साथ हैं। मगर, जब गुलजार मार्केट टूटने लगी तो वही व्यापारी नेता अपना फोन स्विच ऑफ करके घर में बैठ गए। कई घंटे तक अपना फोन नहीं खोला। मतलब, बीडीए ऑफिस में धरना देने वाले व्यापारी दूसरे थे और मार्केट टूटते समय विरोध करने वाले व्यापारी और थे। दुकानदारों ने शक जताया कि उनकी लड़ाई का नेतृत्व करने वाले व्यापारी नेता भी प्रॉपर्टी डीलर कम भाजपा नेता से जाकर मिल गए। फिर वह क्या कर सकते थे। दुकानदारों का मानना है कि उनको हर जगह से धोखा ही मिला। उनके अपने साथ चलने वाले व्यापारी नेता भी धोखेबाज निकले। इसी में उनका बहुत नुकसान हो गया।
तो अब पूंजीपतियों से सांठगांठ करके घर तोड़ेगा बीडीए
बीडीए के सजातीय अफसर की सांठगांठ से मोटी डील के बाद तीस साल पुरानी मार्केट में नया निर्माण दिखाकर जिस तरीके से उस पर बुल्डोजर चलाया गया। उससे शहर के प्रत्येक जागरुक नागरिक हतप्रभ है। बीडीए का काम बिना मानचित्र स्वीकृत किए होने वाले निर्माण पर कार्रवाई करना अवश्य है, लेकिन यहां बीडीए ने जिस तरह से गुलजार मार्केट से पुराने दुकानदारों को बाहर करने के लिए भाजपा नेता कम प्रॉपर्टी डीलर से जिस तरह की मोटी सौदेबाजी करके अपना बुल्डोजर चलाया। उससे बीडीए की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गया है। अब शहर के ताकतवार या पूंजीपतियों को सीधा संदेश यह है कि यदि कोई किराएदार बीस या तीस साल से मकान या दुकान खाली नहीं कर रहा है तो उसका मालिक पहले अपना मकान तोड़कर थोड़ा बहुत नया निर्माण कराए। उसके बाद खुद बीडीए में जाकर शिकायत करे कि साहब, फलां जगह अवैध निर्माण चल रहा है। उस पर कार्रवाई कीजिए। उसके बदले बीडीए के अफसरों से मिलकर सांठगांठ कर ले तो उस मकान या दुकान पर बीडीए का आसानी से बुल्डोजर भी चल जाएगा। किराएदार सड़क पर भी आ जाएगा। न पुलिस में एफआईआर का झंझट। न ही कोर्ट कचहरी।
सांप मर गया, लाठी भी नहीं टूटी
सूत्रों के अनुसार भाजपा नेता और प्रॉपर्टी कारोबारी ने कुतुबखाना के एक शोरूम मालिक से दो साल पहले 18 करोड़ की गुलजार मार्केट भाजपा के दो बड़े नेताओं की अघोषित पार्टनरशिप में मात्र चार से पांच करोड़ के बीच में खरीद ली। तो उस समय भी उन प्रॉपर्टी कारोबारी कम भाजपा नेता को इस खेल में 15 करोड़ का मुनाफा साफ दिखने लगा था। मगर, प्रॉपर्टी कारोबारी कम भाजपा के 15 करोड़ के मुनाफे के आड़े आ रहे थे तीस साल पुरानी मार्केट में 20 लाख की पगड़ी देकर किराया देने वाले आठ से दस दुकानदार। यह दुकानदार अपनी पगड़ी लेकर दुकानें खाली करने को तैयार थे। कुछ दुकानदारों ने मौके की नजाकत देखकर पगड़ी लेने के बाद दुकानें खाली भी कर दीं। मगर, बाकी ने सोच विचारकर निर्णय लेने की बात कहकर मामले को टाल दिया। इसका नतीजा यह निकला कि भाजपा नेता कम प्रॉपर्टी कारोबारी ने ऐसा शातिर दिमाग लगाया कि सब दांतों तले अंगुली दबाकर रह गए। यानी कि सांप भी मर गया, लाठी भी नहीं टूटी।
अब मुख्यमंत्री से लखनऊ में जाकर मिलेंगे दुकानदार
दुकानदारों का कहना है कि 15 दिन का नोटिस देकर दो दिन में ही पूरी मार्केट पर बुल्डोजर चलाने के खिलाफ वह सब मुख्यमंत्री से लखनऊ जाकर मिलेंगे। इसके लिए उनकी तरफ से सीएम ऑफिस से समय मांगा गया है। जैसे ही मुख्यमंत्री कार्यालय लखनऊ से समय मिल जाएगा तो वह जाकर बीडीए अफसरों की मोटी डील करके मार्केट ध्वस्त करने की पूरी बात बताएंगे। उनको उम्मीद है कि मुख्यमंत्री उनकी बात सुनकर कार्रवाई जरूर करेंगे।