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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
बरेली। सिविल लाइन स्थित मस्जिद नोमहला शरीफ़ परिसर स्थित दरगाह नासिर मियाँ रहमतुल्लाह अलेह पर हज़रत मौला अली की यौमे शहादत के मौके 21 रमज़ान को नज़र पेश की गई। इससे पहले महफ़िल में हज़रत मौला अली शेरे खुदा मुश्किल कुशा की करामातों को बयाँ किया,हज़रत शाने अली कमाल मियाँ साबरी नासरी ने कहा कि हज़रत मौला अली की शहादत 21 रमज़ान 40 हिजरी को हुई।
हज़रत अली की शिक्षाएं: ज़रूरतमंदों की मदद और इंसाफ का पैगाम
आपकी नसीहतों पर अमल करके ज़िन्दगी की मुश्किलों का आसान कर सकते है हज़रत अली इल्म का दरवाजा है। समाजसेवी पम्मी खां वारसी ने कहा कि हज़रत मौला अली इंसाफ पसन्द हुक्मरान है। आपने ज़रूरतमंदों की मदद करने की सीख दी है। या अली मदद कहने से ही बडी बडी मुश्किले आसां हो जाती है। इसके बाद असर मग़रिब बीच महफिले समां की महफ़िल सजाई गई। प्रोग्राम की ज़ेरे सरपरस्ती हज़रत ख़्वाजा सुल्तान अहमद नासरी ने की। हज़रत मौला अली की नज़र पेश की गई, देश दुनिया और आवाम की क़ामयाबी, तरक़्क़ी, खुशहाली अमन चैन भाईचारे के लिये खुसूसी दुआ की गई। इसके बाद सामुहिक रोज़ा इफ्तार दस्तरख्वान पर रोज़ेदारों ने रोज़ा इफ्तार किया।
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ई. अनीस अहमद खां की दस्तारबंदी, कार्यक्रम में उमड़े अकीदतमंद
इस मौके पर ई.अनीस अहमद खां की दस्तारबंदी की गई उन्होंने कहा कि हज़रत मौला अली दुनियाभर के लिये नज़ीर है। प्रोग्राम हज़रत शाने अली कमाल मियाँ नासरी साबरी, सूफी वसीम मियाँ नासरी साबरी की देखरेख में सम्पन्न हुआ। इस मौके पर ई अनीस अहमद खां,समाजसेवी पम्मी खां वारसी,शाहिद रज़ा नूरी,सलीम साबरी, मोहम्मद शाहिद कुरैशी नासरी साबरी,मेराज़ साबरी,रिज़वान साबरी नन्ना मियाँ,अकील पहलवान,दिलशाद साबरी कल्लन मियाँ,सलीम साबरी,शमशाद साबरी,फहीम साबरी,इमरान साबरी,मुजाहिद सुल्तानी,मोहम्मद फ़ैज़, मुद्दसिर,सरवर नासरी,बब्बू नासरी,फहीम यार खां,आमिल,यासिर सुल्तानी,सलमान,नसीम साबरी,गुफरान सुल्तानी,तनवीर आदि सहित बड़ी तादाद में अकीदतमंद मौजूद रहे।