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बरेली, वाईबीएन सवांददाता
सामाजवादी पार्टी के आंवला सांसद नीरज मौर्य पिछला लोकसभा चुनाव भले ही भाजपा के धर्मेंद्र कश्यप को हराकर जीते हों। लेकिन उनकी आस्था भाजपा के प्रति भी कम नहीं हुई है। सांसद बनते ही नीरज मौर्य की भाजपा के बड़े नेताओं से दोस्ती बहुत गहरी हो चुकी है। इसकी सबसे बड़ी बानगी यह है कि आंवला के सपा सांसद ने भाजपा सरकार में लंबे समय तक सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके बरेली के दिग्गज भाजपा नेता को दिल्ली में सरकारी कोटे से आवास दिलाने के लिए अपने हस्ताक्षर से पत्र लिखा। सपा सांसद के पत्र पर दिग्गज भाजपा नेता को दिल्ली में सांसद कोटे से सरकारी आवास मिल गया। हालांकि दिल्ली के उस सरकारी आवास में सांसद यदा कदा ही रुकते हैं क्योंकि उनका नया रुकने का ठिकाना झारखंड है। झारखंड की राजधानी रांची में उनके लिए पूरा राजभवन मिल चुका है। मगर, सपा सांसद की मेहरबानी से उनको दिल्ली में सांसद कोटे का आवास भी मिला हुआ है। वह अलग बात है कि सपा सांसद ने चुनाव जीतने के बाद सपा के किसी कार्यकर्ता का मामूली काम भी नहीं किया।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में सामाजवादी पार्टी ने आंवला लोकसभा सीट से पूर्व बसपा विधायक नीरज मौर्य को उतारा था। तब सपाइयों ने नीरज मौर्य को तन मन और धन से चुनाव लड़ाकर भाजपा का गढ़ समझी जाने वाली सीट पर कामयाबी हासिल की। भाजपा के दो बार के सांसद धर्मेंद्र कश्यप चुनाव में पराजित हो गए। नीरज मौर्य सपा से सांसद चुन लिए गए। सांसद बनने के बाद नीरज मौर्य ने अब तक बरेली या आंवला में किसी भी सपा नेता को लिफ्ट नही दी। एक तो अक्सर वह बाहर रहते हैं। सपा कार्यकर्ताओं और आम जनता की शिकायत है कि फोन तक नहीं उठाते। अब तक सांसद ने सपाइयों का छोटा सा काम भी नहीं किया। मगर, सपा समर्थकों और कार्यकर्ताओं को यह जानकार आश्चर्य होगा कि उनकी पार्टी के सांसद ने एक दिग्गज भाजपा नेता को, जो कि वर्तमान में एक राज्य के गवर्नर भी हैं, दिल्ली में सांसद कोटे से आवास दिलाने के लिए अपने हस्ताक्षर से पत्र लिखकर दे दिया। सपा सांसद के पत्र पर उन भाजपा नेता को दिल्ली में सांसद कोटे का आवास मिल भी गया। भाजपा के दिग्गज नेता को दिल्ली में सरकारी आवास एलॉट कराने के लिए किसी मौजूदा सांसद के लिखे लेटर पर अनुमति चाहिए थी। उस समय टिकट कटने की वजह से यह दिग्गज नेता सांसद बनने से वंचित रह गए थे। तब उनके लिए यह पत्र भाजपा के किसी मौजूदा सांसद ने नहीं लिखा। ऐसे वक्त में उनकी मदद करने के लिए सपा सांसद नीरज मौर्य सामने आए।
सपा के एक पूर्व ब्लॉक प्रमुख ने भाजपा के दिग्गज नेता को सरकारी आवास एलॉट कराने का पत्र लिखने के लिए सपा सांसद से दिन रात पैरवी की। यह पूर्व ब्लॉक प्रमुख भाजपा में भी रह चुके हैं और दिग्गज नेता के खास माने जाते हैं। इन ब्लॉक प्रमुख नहीं सांसद गोट से सरकारी आवास दिलाने के लिए नीरज मोर्य से पत्र लिखवाया था। कहने का अर्थ यह है कि आंवला जैसे भाजपा के गढ़ को जीतने के लिए सपा के जिन कार्यकर्ताओं ने रात दिन एक करके अपना खून पसीना बहाया। वह सपा सांसद अपने किसी कार्यकर्ता के तो किसी काम में नहीं आए। मगर, भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री की खुलकर मदद की।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि सपा सांसद की निष्ठा पहले भी किसी एक दल में कभी नहीं रही। वह मौका देखकर दल बदल करते रहे हैं। नीरज मौर्य शाहजहांपुर की जलालाबाद सीट से बसपा के टिकट पर दो विधायक बने। फिर चुनाव हारते ही स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक बनकर भाजपा में चले गए। वर्ष 2022 में जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा से बगावत करके सपा की ओर रुख किया तो उनके साथ नीरज मौर्य ने भी पाला बदलकर सपा का दामन थाम लिया। फिर वह आंवला से टिकट लेकर चुनाव लड़े और सांसद बन गए। कौन जाने कि वह हवा का रुख देखते हुए अगला चुनाव भाजपा सी लड़ें या फिर अपनी पत्नी को 2027 में विधानसभा का चुनाव भाजपा से लड़ाएं। बहरहाल सपा सांसद नीरज मौर्य की दल बदलू नीति को लेकर राजनीतिक क्षेत्र में कयासबाजी का दौर जारी है।
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