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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
हत्या के जुर्म ने बरेली अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम अफशां की कोर्ट ने दो हत्यारों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उन पर दस-दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं इस मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को बरी कर दिया है।
बरेली के भमोरा थाना क्षेत्र के गांव गहर्रा में 13 मई 2009 को रात दस बजे रामदुलार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रामदुलार के बेटे भगवान दास ने भमोरा थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। भगवान दास ने रिपोर्ट में कहा था कि घटना वाले दिन गांव में छोटेलाल के बेटे जयपाल की शादी थी। शादी में उनका भाई इतवारी भी दावत खाने गया था।
शादी में खाना परोसने को लेकर इतवारी की गांव के जवाहर लाल से कहासुनी हो गई थी। इस पर वह और उसके पिता रामदुलार भी वहां पहुंच गए, जबकि इतवारी की ओर से उसके भाई बाबूराम, भगवानदास और उनके साथी ओमकार व हरपाल पहुंच गए। कहासुनी के दौरान उनके पिता रामदुलार ने बाबूराम के दो-तीन थप्पड़ जड़ दिए। इस दौरान पहुंचे गांववालों ने मामला शांत करा दिया।
घेर पर जाते वक्त गोली मारकर की हत्या
पीड़ित के मुताबिक रात दस बजे वह चाचा सुखलाल और गांव मोहर सिंह के साथ पिता को छोड़ने घेर पर जा रहे थे। पिता रामदुलार सबसे आगे चल रहे थे। जैसे ही बाबूराम और भगवान दास के घर के पास पहुंचे। बाबूराम, भगवानदास, ओमकार और हरपाल ने उन्हें घेरकर हमला कर दिया। बाबूराम और भगवानदास ने तमंचे से फायर किए, जबकि ओमकार और हरपाल ने लाठियों से पीटा। पीछे से वे लोग पहुंचे और उन्हें ललकारा तो धमकी देते हुए भाग गए। अस्पताल ले जाते वक्त रामदुलार की मौत हो गई।
विवेचना के बाद पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से नौ गवाह पेश किए। कोर्ट ने बाबूराम और भगवानदास को दोषी पाते हुए दोनों को उमकैद्र की सजा सुनाई। दोनों दस-दस हजार का जुर्माना भी लगाया। वहीं ओमकार और हरपाल को संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त कर दिया गया।
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