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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने भारतीय जनता पार्टी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता यानी कि (यूसीसी) मुसलमानो को मंजूर नहीं है। अगर यूसीसी कानून बने और उसमें शरियत के वसूलों का लिहाज पाज रखा जाए तो बेहतर होगा। मौलाना भारतीय जनता पार्टी के ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दें रहे थे । उनके ट्वीट में कहा गया है कि केंद्रीय सरकार बहुत जल्द यूसीसी कानून बनने पर विचार कर रही है।
मौलाना ने कहा कि यूसीसी कानून शरियत मे मुदाखलत है। इस कानून के लागू होने पर तमाम धर्मों के अनुयायियों को जबरदस्त ठेस पहुंचेगी। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। उसको चलाने के लिए बेहतरीन संविधान हैं। सभी धर्मों के मानने वालों पर एक कानून नहीं लागू किया जा सकता।
मौलाना ने आगे कहा कि ऐसा समान नागरिक संहिता कानून जिसमें शरियत के वसूलों का लिहाज़ पाए रखा जाए। जिससे सभी धर्मों के लोगों की दिनचर्या गुजारने में कोई परेशानी न आएं। ऐसे कानून को हर व्यक्ति मानेग। गत दिनों उत्तराखंड हुकूमत ने यूसीसी कानून लागू किया है। उसमें आम मुसलमानो से कोई राय नहीं ली गई। जबकि संविधान के जिस आर्टिकल का हवाला दिया जा रहा है। उसमें साफ साफ उल्लेख है कि राज्य सभी धर्मों के लोगों से लाए लेकर सहमती बनाएंगे। मगर, उत्तराखंड द्वारा गठित कमेटी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया।
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