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बिजली: नीचे से ऊपर तक अपनी सरकार, फिर भी माननीय लाचार

यूपी और केंद्र तक अपनी पार्टी की सरकार। ऊपर भी अच्छे पदों पर बिरादरी के नेता मौजूद। फिर भी माननीय ने छह उपकेंद्रों से बिजली नीचे से ऊपर तक अपनी सरकार, फिर भी माननीय लाचार सप्लाई बंद होने पर पत्र लिखा है।

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Sudhakar Shukla
dr mp arya
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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता

नगरपालिक से लेकर प्रदेश और केंद्र में अपनी सरकार। फिर भी माननीय पूरी तरह से लाचार। दो बार अपने विधानसभा क्षेत्र की बिजली आपूर्ति सुचारु न होने का मुद्दा तत्कालीन डीएम रविंद्र कुमार के सामने उठा चुके। मगर, माननीय की किसी ने नहीं सुनी। तब दुखी होकर माननीय ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक को पत्र लिखा है। 

भाजपा सरकार में जितनी दुर्दशा उनकी ही पार्टी के विधायक या सांसदों की है, उतनी तो किसी भी दल की सरकार में उनके विधायकों की नहीं रही होगी। भाजपा विधायकों की बात थाने के सिपाही, दरोगा, इंस्पेक्टर या सीओ तक सुनने को तैयार नहीं हैं। बाकी ऊपर के अफसरों की बात कौन करे। यह बात हम नहीं कह रहे। बल्कि विधायकों के क्रियाकलाप ही बताते हैं। 

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अब नवाबगंज के भाजपा विधायक डॉ एमपी आर्या को ही लीजिए। नगरपालिका, नगर निगम, प्रदेश और केंद्र तक उनकी अपनी सरकार है। उनकी अपनी बिरादरी के सांसद। जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख। मगर, विधायक जी फिर भी लाचार हैं। पाॅवर कारपोरेशन के इंजीनियरऔर कर्मचारियों ने उनकी बात नहीं सुनी। इस वजह से उनके विधानसभा क्षेत्र में छह बिजली उपकेंद्रों पर बिजली के ट्रांसफार्मर बदलने का मसला नहीं सुलझ पा रहा है। अपने विधानसभा क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बाधित होने का मसला विधायक जी ने डीएम-जनप्रतिनिधि समन्वयक समिति की मीटिंग में भी तत्कालीन डीएम रविंद्र कुमार के सामने उठाया था। डीएम ने उस समय माननीय को समस्या समाधान होने का आश्वासन देकर उसे हल कराने की बात कही थी, जैसे की माननीय खुद अपने क्षेत्र की जनता के समाने कहते हैं। मगर, समस्या नहीं सुलझी। जब बिजली कर्मचारी और इंजीनियरों ने माननीय की नहीं सुनीं तो विधायक जी को मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक को पत्र लिखना पड़ा। 

पत्र में क्या लिखा विधायक विधायक जी ने 

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नवाबगंज के विधायक डॉ एमपी आर्या अपने पत्र में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक को लिखते हैं कि नवाबगंज बरेली में बिजली कर्मचारियों की लापरवाही और कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं रहते। इस वजह से इस इलाके में छह बिजली उपकेंद्रों की सप्लाई बंद हो गई है। 132 केवीए स्टेशन में 54 और 50 मेगावाट के ट्रांसफार्मर नौ अप्रैल से खराब हैं। इसके बाद भी पॉवर कारपोरेशन के इंजीनियरों ने चिंता नहीं की। अब दूसरा ट्रांसफार्मर भी खराब हो चुका है। इस वजह से उनका पूरा विधानसभा क्षेत्र भीषण गर्मी और मच्छरों के बीच अंधेरे में रहने को मजबूर है। उसकी वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई है। विधायक ने इसके जिम्मेदार इंजीनियर और कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की गुजारिश निदेशक मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक से की है।

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विधायक
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