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Photograph: (AI)
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
मदरसा बोर्ड में भी अब यूपी बार्ड की तर्ज पर एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाने का आदेश जारी किया गया है। सरकार के इस आदेश से मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे भी मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली से बेहतर तालमेल बिठा सकेंगे, इसके साथ ही दीनी तालीम भी हासिल कर सकेंगे।
उत्तर प्रदेश राज्य मदरसा बोर्ड ने शैक्षिक सत्र 2025-26 से मान्यता प्राप्त और राज्य अनुदानित मदरसों में कक्षा 1 से 3 तक एनसीईआरटी कोर्स लागू करने का निर्णय लिया है। इन मदरसों में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की तरह ही एनसीईआरटी की किताबें उपयोग की जाएंगी। यह कदम मदरसों में शिक्षा के आधुनिकीकरण और एकरूपता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है ताकि यहां पढ़ने वाले छात्र भी मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली के साथ बेहतर तालमेल बिठा सकें।
कई सालों से चल रही थी कवायद
education reforms : इससे पहले भी 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त मदरसों में धार्मिक शिक्षा (दीनियात) के साथ-साथ गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और कंप्यूटर जैसे विषयों में एनसीईआरटी की किताबें लागू करने का प्रस्ताव पारित किया था। उस समय यह भी तय किया गया था कि पठन-पाठन का माध्यम उर्दू के साथ-साथ हिंदी और अंग्रेजी भी होगा। 2020 में भी इस दिशा में कदम उठाए गए थे, जब मदरसों में शिक्षा व्यवस्था के आधुनिकीकरण के तहत एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को लागू करने की बात कही गई थी। अब सरकार ने कक्षा 1 से 3 तक इनसीईआरटी का कोर्स लागू किया है।
कक्षा आठ तक पाठ्यक्रम लागू करने का लक्ष्य
मदरसा बोर्ड में अभी इस सत्र से कक्षा 1 से 3 तक NCERT का सिलेबस पढ़ाया जाएगा। प्रदेश के सभी अनुदानित मदरसों में इस सत्र से यह पाठ्यक्रम लागू होगा। सरकार का इस पाठ्यक्रम को कक्षा 8 तक लागू करेगा का लक्ष्य है। मदरसा बोर्ड में आने वाले वर्षों में कक्षा 8 तक NCERT का सिलेबस लागू हो जाएगा।
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