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Pahalgam Terror Attack: लक्षित हिंसा, सुरक्षा चूक और पाकिस्तान की भूमिका की जांच की मांग

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले ने पूरे देश को गहरे शोक और आक्रोश में डाल दिया है। इस हमले में न केवल निर्दोष नागरिकों की जान गई, बल्कि सुरक्षाबलों को भी निशाना बनाया गया।

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Sudhakar Shukla
Pahalgam Terror Attack
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले ने पूरे देश को गहरे शोक और आक्रोश में डाल दिया है। इस हमले में न केवल निर्दोष नागरिकों की जान गई, बल्कि सुरक्षाबलों को भी निशाना बनाया गया। जो भारत की संप्रभुता को खुली चुनौती है। इस घटना ने आतंकवाद की गंभीर समस्या को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

हमले की भयावहता इस बात से और बढ़ जाती है कि आतंकवादियों ने पीड़ितों को लक्षित किया। खबरों के अनुसार, मरने से पहले हिंदुओं से उनके नाम पूछे गए और उनके कपड़े उतरवाए गए, जो स्पष्ट रूप से एक लक्षित हिंसा की ओर इशारा करता है। पर्यटन के लिए जम्मू-कश्मीर आए कई निर्दोष लोगों की इस हमले में जान चली गई। आतंकियों की इस कायराना हरकत ने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है और यह सुरक्षा में एक गंभीर चूक को दर्शाता है।

हमारा स्पष्ट मानना है कि इन हमलों के पीछे पाकिस्तान की प्रत्यक्ष या परोक्ष संलिप्तता है, जिसके माध्यम से सीमा पार आतंकवाद को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठन लगातार भारत की शांति और स्थिरता को भंग करने के नापाक इरादे रखते हैं।

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ठोस और निर्णायक कदम उठाने की पुरजोर मांग करते हैं:

1. पहलगाम में हुए इन हमलों की एक गहन और निष्पक्ष जांच अविलंब शुरू की जाए और जो भी दोषी पाए जाएं, उन्हें कठोरतम सजा दी जाए।

2. इस हमले में पाकिस्तान की किसी भी प्रकार की संलिप्तता की गहन जांच की जाए, और यदि प्रमाण मिलते हैं, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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3. देश में सक्रिय सभी आतंकवादी संगठनों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त और निर्णायक कदम उठाए जाएं। उनके वित्तीय स्रोतों को तत्काल समाप्त किया जाए और उनके नेटवर्क को ध्वस्त किया जाए।

4. भारत की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सख्त किया जाए, ताकि आतंकवादियों की घुसपैठ पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके। आधुनिक तकनीक और खुफिया तंत्र को मजबूत किया जाए।

5. इस त्रासदी के पीड़ित परिवारों को उचित और पर्याप्त मुआवजा प्रदान किया जाए, साथ ही उनके पुनर्वास के लिए तत्काल सहायता सुनिश्चित की जाए।

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6. देशव्यापी स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एक व्यापक जनजागृति अभियान चलाया जाए, ताकि समाज को इसके भयावह दुष्परिणामों से अवगत कराया जा सके और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को बढ़ावा मिले।

7. देश में वक्फ बोर्ड और अन्य संदिग्ध संस्थाओं की भूमिका की भी गहन जांच की जाए, यदि इन हमलों में उनकी प्रत्यक्ष या परोक्ष संलिप्तता का कोई भी संकेत मिले, तो बिना किसी लाग-लपेट के उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाए।

8. भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को कड़ी फटकार लगाए और उन्हें जवाबदेह ठहराने के लिए ठोस कार्रवाई करे। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया जाए।

9. देश की रक्षा और आंतरिक सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक हथियार और आवश्यक संसाधन तत्काल उपलब्ध कराए जाएं, ताकि वे आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी रूप से मुकाबला कर सकें और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।

हम आशा करते हैं कि सरकार इन गंभीर और संवेदनशील मुद्दों पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करेगी। आतंकवाद का समूल नाश देश की एकता, अखंडता और शांति के लिए अनिवार्य है, और हम सभी को मिलकर इस चुनौती का दृढ़ता से सामना करना होगा।

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