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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की जिला इकाई ने कर्मचारियों, शिक्षकों एवं पेंशनरों के हितों की निरंतर अनदेखी किए जाने पर गहरा रोष व्यक्त किया है। सोमवार को जिलाध्यक्ष श्री विजय शर्मा के नेतृत्व में एसोसिएशन के सदस्यों ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा, जिसमें अपनी मांगों एवं समस्याओं को विस्तारपूर्वक उल्लेखित किया गया।
आठवें वेतन आयोग में देरी से निराशा
ज्ञापन में एसोसिएशन ने उल्लेख किया कि वर्ष की शुरुआत में आठवें वेतन आयोग की संभावित घोषणा ने सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों, शिक्षकों एवं पेंशनरों में नई आशा का संचार किया था। किंतु आयोग के गठन की प्रक्रिया अब तक प्रारंभ न हो पाने के कारण सभी संबंधित वर्गों में गहरी निराशा और असंतोष व्याप्त है। एसोसिएशन ने मांग की कि वेतन आयोग का गठन शीघ्र किया जाए ताकि कर्मचारियों को उनका वाजिब हक समय पर मिल सके।
पेंशन पुनरीक्षण में भेदभाव का आरोप
एसोसिएशन ने यह भी गंभीर चिंता व्यक्त की कि ऐसी सूचनाएं सामने आ रही हैं, जिनके अनुसार 31 दिसंबर 2025 तक सेवानिवृत्त होने वाले पेंशनरों का पेंशन पुनरीक्षण नहीं किया जाएगा। यदि यह निर्णय लागू होता है, तो संबंधित पेंशनरों को वेतन पुनरीक्षण से उनकी पेंशन को जोड़ने का लाभ नहीं मिल सकेगा। इससे न केवल आर्थिक नुकसान होगा, बल्कि पेंशनरों के बीच भेदभाव और असमानता की स्थिति भी उत्पन्न होगी, जो पूर्णतः अनुचित और अन्यायपूर्ण है।
एसोसिएशन की प्रमुख मांगें
एसोसिएशन ने वित्त विधेयक 2025 के माध्यम से पेंशन नियमों में किए गए संशोधनों को तत्काल निरस्त करने की मांग की है। इसके साथ ही, सेवानिवृत्ति की तिथि के आधार पर पेंशनरों के बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव न करने और आठवें वेतन आयोग का शीघ्र गठन कर उसकी शर्तों को स्पष्ट करने की भी मांग की गई है।
अन्य प्रमुख मांगों में महंगाई भत्ते और राहत को एक ही तिथि से लागू करना, महंगाई राहत को डी-लिंक न करना, सभी पेंशनरों को परिभाषित लाभ योजना का लाभ प्रदान करना और पेंशन की कटौती अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष करना शामिल है।
देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी
एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो 22 अप्रैल से पूरे देश के सभी जनपदों में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। ज्ञापन सौंपने वाले सदस्यों में जयवीर सिंह, शिव स्वरूप, राम प्रताप सिंह, राधारमण और एसोसिएशन के कई अन्य सदस्य शामिल थे।
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