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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली के शोध छात्र प्रवीण पाठक ने द्वितीय एशियन योगासन चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीतकर विश्वविद्यालय का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। उनकी इस असाधारण उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह ने उन्हें हार्दिक बधाई और आशीर्वाद देकर उनका उत्साहवर्धन किया।
यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता नई दिल्ली के आई.जी.ई. स्टेडियम में आयोजित की गई थी, जिसमें प्रवीण कुमार पाठक (पीएच.डी. स्कॉलर, शारीरिक शिक्षा विभाग) ने सीनियर कैटेगरी (पुरुष) में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
प्रवीण का समर्पण युवा विद्वानों के लिए प्रेरणास्त्रोत: कुलपति
उनकी इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह ने कहा, "शिक्षा और खेल दोनों के प्रति प्रवीण का समर्पण सभी युवा विद्वानों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना उनकी कड़ी मेहनत, अटूट प्रतिबद्धता और एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के मूल्यों का जीवंत प्रमाण है। हमें उन पर अत्यंत गर्व है और हम भविष्य में उनकी और भी बड़ी सफलता की कामना करते हैं।"
कुलपति महोदय ने समग्र शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दोहराया, जिसमें खेल, योग और शिक्षा मिलकर छात्रों को उत्कृष्ट वैश्विक नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस अवसर पर क्रीड़ा सचिव प्रोफेसर एस.एस. बेदी और कुलसचिव संजीव कुमार सिंह ने भी स्वर्ण पदक विजेता प्रवीण पाठक को बधाई दी।
प्रवीण पाठक ने योगासन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रचा इतिहास
प्रवीण पाठक रुहेलखंड विश्वविद्यालय से शारीरिक शिक्षा विषय में पीएचडी कर रहे हैं और उन्होंने पिछले आठ वर्षों की अथक मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया है। वे जनपद स्तर से लेकर राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न योगासन प्रतियोगिताओं में कई दर्जन पदक जीत चुके हैं। प्रवीण अपनी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और विश्वविद्यालय के प्रशिक्षकों को देते हैं, जिनके कुशल मार्गदर्शन और आशीर्वाद से यह संभव हो सका। उनकी इस सफलता से पूरे विश्वविद्यालय में खुशी की लहर है। माननीय कुलपति के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय के क्रीड़ा विभाग में उपलब्ध कराई गई बेहतर सुविधाओं और उत्कृष्ट प्रशिक्षण के कारण ही विश्वविद्यालय के स्नातक, परास्नातक और शोध छात्र-छात्राएं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ा रहे हैं।
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