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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
समाजवादी पार्टी ने आज बरेली के सेठ दामोदर स्वरूप पार्क में साम्प्रदायिक सौहार्द, संविधान की रक्षा और सामाजिक न्याय के लिए एक विशाल धरना-प्रदर्शन आयोजित कर इतिहास रच दिया। यह प्रदर्शन समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन को करणी सेना द्वारा दी गई जानलेवा धमकी और जाति विशेष के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के विरोध में था। पार्टी के युवा तुर्क अशोक यादव के नेतृत्व में हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं और आमजन ने एकजुट होकर जातिवाद और अन्याय के खिलाफ हुंकार भरी।
धरना स्थल पर गूंजे गगनभेदी नारों ने माहौल को गरमा दिया। “संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ”, “नफरत नहीं, भाईचारा चाहिए” जैसे नारों के साथ उपस्थित जनसैलाब ने संदेश दिया कि बरेली अब जातीय विद्वेष और हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रदर्शनकारियों ने रमेश लाल सुमन के साथ एकजुटता जताते हुए संविधान की रक्षा और सामाजिक समरसता के लिए संकल्प लिया।
समाजवादी पार्टी बरेली के जिलाध्यक्ष शिवचरण कश्यप ने अपने जोशीले संबोधन में कहा, “यह धरना केवल एक नेता के लिए नहीं, बल्कि हर उस शख्स के लिए है जो समानता, न्याय और भाईचारे में विश्वास रखता है। हमारी लड़ाई संविधान और लोकतंत्र को बचाने की है।” वहीं, महासचिव समीम खां सुल्तानी ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा, “जातीय विद्वेष फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। हमारी मांग है कि दोषियों पर तत्काल कठोर कार्रवाई हो।”
धरना के समापन पर समाजवादी पार्टी ने राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें निम्नलिखित मांगें शामिल थीं:
1. रामजी लाल सुमन को तत्काल सुरक्षा प्रदान की जाए।
2. धमकी देने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई हो।
3. जातीय विद्वेष फैलाने वालों पर तुरंत FIR दर्ज की जाए।
4. सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिशों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
धरने में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनता की भारी भागीदारी ने इसे ऐतिहासिक बना दिया। शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न इस प्रदर्शन ने स्पष्ट कर दिया कि बरेली की जनता अब नफरत और विभाजन की राजनीति को स्वीकार नहीं करेगी। महिलाओं, युवाओं और विभिन्न समुदायों के लोगों ने एक मंच पर आकर सामाजिक एकता की मिसाल पेश की।
यह धरना न केवल एक राजनीतिक प्रदर्शन था, बल्कि सामाजिक बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम भी साबित हुआ। उपस्थित लोगों का जोश और एकजुटता इस बात का प्रमाण था कि बरेली की जनता अब जातिवादी मानसिकता और नफरत की राजनीति के खिलाफ खुलकर मैदान में है। समाजवादी पार्टी के इस आयोजन ने न सिर्फ बरेली, बल्कि पूरे प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए एक मजबूत संदेश दिया है।
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