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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली जनपद के लीलौर बुजुर्ग ग्राम पंचायत में हुए विकास कार्यों में घोटाले की अंतिम जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। जिला अधिकारी रवींद्र कुमार ने ग्राम प्रधान राम रोशनी को बर्खास्त कर दिया है, जबकि तत्कालीन पंचायत सचिव अभिषेक और लघु सिंचाई विभाग के अवर अभियंता (जेई) हर्षित अग्रवाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
ग्राम पंचायत लीलौर बुजुर्ग में घोटाले की पुष्टि, ग्राम प्रधान बर्खास्त
ग्राम लीलौर बुजुर्ग के निवासी अशरफ खां ने वर्ष 2023 में ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए कार्यों—जैसे पंचायत घर का निर्माण, नाली, चबूतरा और अन्य विकास परियोजनाओं—में गंभीर अनियमितताओं की शिकायत संबंधित अधिकारियों से की थी। शिकायत के आधार पर प्रशासन ने तत्काल जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद दिसंबर 2024 में ग्राम प्रधान के सभी वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया। इसके उपरांत परियोजना निदेशक, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (DRDA) और ग्रामीण अभियंत्रण सेवा (RES) के कार्यकारी अभियंता (XEN) के माध्यम से विस्तृत जांच कराई गई। मार्च 2025 में सौंपी गई अंतिम जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया कि:सड़क और नाली निर्माण में ₹63,000
शिव मंदिर तालाब के पास चबूतरे के निर्माण में ₹41,000
क्रॉस नाली पर ड्रिप जाल के नाम पर ₹30,000
पंचायत घर निर्माण में ₹72,500
का फर्जी भुगतान दर्शाया गया।
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