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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
बरेली शहर के मोहल्ला गंगापुर में संचालित फैक्ट्री में बनी सॉस के नाम पर लोग मीठा जहर खा रहे थे। इसका खुलासा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) ने सैंपल भेजकर कराई जांच रिपोर्ट आने पर हुआ है। एफएसडीए ने गंगापुर में पकड़ी गई नंदनी फूड प्रोडक्ट नाम की सॉस फैक्ट्री से लिए गए 10 सैंपल जांच को भेजे गए थे, जिनमें सात सैंपल फेल हो गए। इनमें दो सैंपल ऐसे पाए गए, जिनके प्रोडक्ट खाने पर मानव शरीर में स्लो प्वाइजन का काम करते हैं।
गंगापुर में दबिश देने गई पुलिस को आरोपी के घर में मिली थी सॉस फैक्ट्री
बरेली के एसपी सिटी मानुष पारिक के नेतृत्व में थाना बारादरी पुलिस 20 मार्च को गंगापुर में एक आरोपी के घर दबिश देने गई थी। सीसीटीवी कैमरे में पुलिस को आते देख आरोपी तो भाग गया, लेकिन पुलिस को उसके घर में सॉस फैक्ट्री मिली थी। पुलिस को मौके पर भारी मात्रा में तैयार चिली सॉस, टोमेटो सॉस और सोया सॉस के अलावा कच्चा माल मिला था। पुलिस की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे एफएसडीए अधिकारियों ने जांच की तो फैक्ट्री का नंदिनी फूड प्रोडक्ट्स के नाम लाइसेंस पाया गया।
एफएसडीए ने 10 सैंपल जांच को भेजे गए थे, सात फेल
टीम ने फैक्ट्री से सॉस के 10 सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे थे, जिनमें सात फेल हो गए। इनमें पांच सैंपल अधोमानक पाए गए। इनमें दो सैंपल चिली सॉस और टोमेटो सॉस के हैं। वहीं, दो सैंपल ऐसे मिले जिनके प्रोडक्टर खाने पर मानव शरीर में स्लो प्वाइजन का काम करते हैं। गंगापुर में संचालित फैक्ट्री से आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में लगने वाले ठेले-खोमचों पर यह सॉस सप्लाई जाती थी। ऐसे में रोजाना सैकड़ो लोग इस मिलावटी जहर खा रहे थे।
प्रयोगशाला की जांच में फेल हुए सैंपल
एफएसडीए अधिकारियों के अनुसार गंगापुर में मिली फैक्ट्री से 5000 लीटर से अधिक सॉस जप्त करने के साथ ही गोदाम में मिले केमिकल, शीरा, चावल, स्टार्च, नमक, जैम, कान्टिनेंटल सॉस, फ्रूट विनेगर सॉस, चिली सॉस और सोया सॉस के सैंपल लेकर जांच को भेजे थे। इनमें कान्टिनेंटल सॉस, चिली सॉस में सिंथेटिक रंग, चावल में छोटे दाने और पाउडर की मिलावट निकली। फ्रूट विनेगर सॉस में एसिड का स्तर निर्धारित स्तर से अधिक पाया गया। सोया सॉस में भी एसिड का स्तर काफी अधिक निकला। स्टार्च में मक्का और चावल का मिश्रण पाया गया।
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय गोयल ने बताया कि नमूनों की रिपोर्ट मंगलवार को प्राप्त हो गई है। दो सैंपल असुरक्षित मिले हैं, जो खाद्य पदार्थ खाने योग्य नहीं हैं। फैक्ट्री संचालक को नोटिस भेजा जाएगा। 30 दिनों की अवधि में संचालक नमूनों की दोबारा जांच करने को आवेदन कर सकता है। इसके उपरांत रिपोर्ट कार्रवाई के लिए न्यायालय भेज दी जाएगी
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